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राग केदार - कान्हा रे - उस्ताद राशिद खान

राग केदार: कान्हा रे - उस्ताद राशिद खान

कान्हा रे नंद नंदना
परम निरंजन, हे सुख भंजन ||

कांता मणि मोटियाना की माला
फेरत मुदिता, भई बृज बाला ||

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