भैरव राग
भैरव राग हिन्दूस्थानी संगीतया छगू राग ख। थ्व भैरवथाटया अबु राग ख। थ्व उत्तराङ्ग प्रधान राग ख। थ्व राग गम्भीर कथं हाः सा वीररस पिहांवइ । ध्रुपद शैलीइ थ्व राग आपालं छ्यलि। कर्णाटकसङ्गीतय् थ्व रागयात "मायामाळवगौळ" धका म्हसीकिगु या। सङ्गीत अध्ययनया आरम्भय् थ्व राग स्यनि। थ्व रागया वादिस्वर द्वैतः दु। थुकिया संवादिस्वर वृषभः ख। मध्यमात् वृषभाय मीण्ड(शास्त्रीयभाषां) मनोरञ्जक रसोत्पत्ति याइ। हनूमान् मतानुसार थ्व प्रथमप्रहरस्य राग ख।
श्लोक :
थ्व रागया दसु थ्व कथं दु-
"गङ्गाधरः शशिकलातिलकः त्रिनेत्रः सर्पैर्विभूषिततनुः गजकृत्तिवासः।"
"भास्वत्रिशूलकर एष नृमुण्डधारी शुभ्राम्बरो जयति भैरव आदिरागः॥"
आरोह- स रे ग म प ध नि स
अवरोह- स नि ध प म ग रे स
पक्कड(छायास्वर)- म प ध, म प ग म, ग म प, ग म रे स
समय
शास्त्रीय रुपय् थ्व राग हालिगु मू ई सुथ ६ ता निसें ८ता ई तक्क।
थाट्
भैरव
भैरव राग | |
---|---|
आरोहण | स रे ग म प ध नि स |
अवरोहण | स नि ध प म ग रे स |
वादि | ’ध’ |
संवादि | ’रे’ |
थाट | भैरव |
समय | सुथः ६ निसें ८ |
जाति | सम्पूर्ण |
पक्कड | म प ध, म प ग म, ग म प, ग म रे स |
राग भैरव प्रभात बेला का प्रसिद्ध राग है। इसका वातावरण भक्ति रस युक्त गांभीर्य से भरा हुआ है। यह भैरव थाट का आश्रय राग है। इस राग में रिषभ और धैवत स्वरों को आंदोलित करके लगाया जाता है जैसे - सा रे१ ग म रे१ रे१ सा। इसमें मध्यम से मींड द्वारा गंधार को स्पर्श करते हुए रिषभ पर आंदोलन करते हुए रुकते हैं। इसी तरह ग म ध१ ध१ प में निषाद को स्पर्श करते हुए धैवत पर आंदोलन किया जाता है। इस राग में गंधार और निषाद का प्रमाण अवरोह में अल्प है। इसके आरोह में कभी कभी पंचम को लांघकर मध्यम से धैवत पर आते हैं जैसे - ग म ध१ ध१ प।
इस राग में पंचम को अधिक बढ़ा कर गाने से राग रामकली का किंचित आभास होता है इसी तरह मध्यम पर अधिक ठहराव राग जोगिया का आभास कराता है। भैरव के समप्रकृतिक राग कालिंगड़ा व रामकली हैं।
करुण रस से भरपूर राग भैरव की प्रकृति गंभीर है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में किया जाता है। इस राग में ध्रुवपद, ख्याल, तराने आदि गाये जाते हैं। इस राग के और भी प्रकार प्रचलित हैं यथा - प्रभात भैरव, अहीर भैरव, शिवमत भैरव आदि। यह स्वर संगतियाँ राग भैरव का रूप दर्शाती हैं -
रे१ रे१ सा; ध१ ध१ प ; म प ग म प ; ग प म ; ग म रे१ रे१ सा ; ,नि सा रे१ सा ; ग म नि ध१ ; ध१ नि सा' ; नि सा' रे१' रे१' सा' ; ध१ ध१ प म प ; ग म प ; ग म प प म ग म ; ग म प ; ग म रे१ सा ; ,ध१ नि सा रे१ रे१ ; ग म ध१ म प ; प म प ; ध१ प ध१ नि ध१ नि सा' ; रे१' रे१' ग' म' रे१' सा' ; नि ध१ प ; ध१ ध१ प म प म ग म प ; म म रे१ रे१ सा;
थाट
राग जाति
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