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Pt. Vinayak Rao Patwardhan | Bhajan

Feel the resonance of evening ragas... Pandit Vinayak Narayan Patwardhan was an Indian vocalist of Gwalior gharana of Indian classical music. Vinayakrao Patwardhan's singing reflected the simple and straightforward approach to ragas, which is the characteristic of the Gwalior Gharana style. His favorite ragas included ''Bahar'', ''Adana'', ''Multani'', ''Malhar'', ''Jaijaivanti'', ''Hameer'' and ''Bhairav-bahar''. He performed in most of the important music festivals. He was one of the few practicing musicians of the time who wrote textbooks on music. In his seven-part ''Raaga Vigyan'' series, Vinayakrao described the important aspects of various ragas as well as their grammar. #NaadLahari #PtVinayakRaoPatwardhan #Bhajan

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Category

  • भजन

    भारतीय संगीत के मुख्य रूप से तीन भेद किये जाते हैं। शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और लोक संगीत। भजन सुगम संगीत की एक शैली है। इसका आधार शास्त्रीय संगीत या लोक संगीत हो सकता है। इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन मूल रूप से यह किसी देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत है।जैसे भगवान जम्भेश्वर भगवान रामदेव जी व तेजा जी के लिए गाये जाते है राजस्थान में  सामान्य रूप से उपासना की सभी भारतीय पद्धतियों में इसका प्रयोग किया जाता है। भजन मंदिरों में भी गाए जाते हैं। हिंदी भजन, जो आम तौर पर हिन्दू अपने सर्वशक्तिमान को याद करते हैं या गाते हैं| भजन मुख्य रूप से भगवान को याद करने के लिए एक तरह का माध्यम है जिसे हम भक्ति और आस्था भी कह  सकते हैं।

    कुछ विख्यात भजन रचनाकारों की नामावली - मीराबाई, सूरदास, तुलसीदास, रसखान।