तंदूरा वाद्य यंत्र
ഭാരത് നെ സംഗീതം കോ ബഹുത ഊഞ്ചൈ ദി ഹേ
Raagparichay
Mon, 08/01/2024 - 15:34
भारत ने संगीत को बहुत ऊंचाई दी है. यहाँ संगीत और उसके वाद्य यंत्रो को महज मनोरंजन तक सीमित नहीं रखा गया बल्कि उसे मंदिर और मठ से होते हुए विज्ञान की प्रयोगशाला तक ले जाया गया.
जयपुर के अब्दुल अजीज को संगीत की तालीम विरासत में मिली है. लेकिन उन्होंने अपना समय वाद्य यंत्रो के संरक्षण और संग्रह को समर्पित कर दिया.
अजीज का घर नायाब वाद्य यंत्रो से पटा पड़ा है.
उनके पास कोई 600 से ज्यादा साज है. इनमें बौद्धकाल से लेकर मुगल और राजपूत राजाओं के समय के साज शामिल है. अजीज खोज-खोज कर वाद्य यंत्रो का संग्रह करते रहते हैं.
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