कहरवा
कहरवा एक भारतीय ताल है, जिसमें आठ मात्राएँ होती हैं जो ४-४ मात्राओं के दो विभागों में बँटी होती हैं। पहली मात्रा पर ताली और पाँचवी पर खाली होती है। इसका ठेका है :
X २ ३ ४ | ० २ ३ ४
धा गे ना ति | न क धिं न
कहरवा ताल का ताल परिचय –
मात्रा – इस ताल में 8 मात्रा होती हैं ।
विभाग – इस ताल में 4-4 मात्राओ के 2 विभाग होते हैं ।
ताली – इस ताल में पहली मात्रा पर ताली लगती है ।
खाली – इस ताल में 5 वी मात्रा खाली होती है ।
यह ताल फिल्मी गीत ,लोकगीत , भजन में प्रयोग होती है ।
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Bharatanatyam by Janaki Rangarajan
Bharatanatyam by Janaki Rangarajan ~
An invocation to the village deity Mariyamma, using verses from Mariyamman Talattu, set to music by Nandhini Anand, was the opening piece in Janaki Rangarajan's recital here - Haree Fotografie
— with Janaki Rangarajan.
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Mohiniyattam by Sunanda Nair
~ Mohiniyattam by Sunanda Nair ~
Stills from the Mohiniyattam recital by Sunanda Nair on the seventh day of the Dance and Music Festival organized by Soorya India as part of the 45th edition of the Soorya Festival. Sunanda had the accompanying support of Kalamandalam Vishnu in the vocal, Kalamandalam C. Gopalakrishnan in the nattuvangam, Kalamandalam Kiran Gopinath on the mridangam, Sangeeth Mohan on the violin, and P. Nanda Kumar on the idakka - Haree Fotografie
Photography by HAREE FOTOGRAFIE, NEWNMEDIA™.
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हारमोनियम
भारत-पाकिस्तान-अफ़्ग़ानिस्तान में लोकप्रीय हस्त-चालित शैली का एक हारमोनियम हारमोनियम (Harmonium) एक संगीत वाद्य यंत्र है जिसमें वायु प्रवाह किया जाता है और भिन्न चपटी स्वर पटलों को दबाने से अलग-अलग सुर की ध्वनियाँ निकलती हैं। इसमें हवा का बहाव पैरों, घुटनों या हाथों के ज़रिये किया जाता है, हालाँकि भारतीय उपमहाद्वीप में इस्तेमाल होने वाले हरमोनियमों में हाथों का प्रयोग ही ज़्यादा होता है। हारमोनियम का आविष्कार यूरोप में किया गया था और १९वीं सदी के बीच में इसे कुछ फ़्रांसिसी लोग भारत-पाकिस्तान क्षेत्र में लाए जहाँ यह सीखने की आसानी और भारतीय संगीत के लिए अनुकूल होने की वजह से जड़ पकड़ गया। हा
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भगोरिया नृत्य
भगोरिया हाट-बाजारों में युवक-युवती बेहद सजधज कर अपने भावी जीवनसाथी को ढूँढने आते हैं। इनमें आपसी रजामंदी जाहिर करने का तरीका भी बेहद निराला होता है। सबसे पहले लड़का लड़की को पान खाने के लिए देता है। यदि लड़की पान खा ले तो हाँ समझी जाती है। इसके बाद लड़का लड़की को लेकर भगोरिया हाट से भाग जाता है और दोनों विवाह कर लेते हैं। इसी तरह यदि लड़का लड़की के गाल पर गुलाबी रंग लगा दे और जवाब में लड़की भी लड़के के गाल पर गुलाबी रंग मल दे तो भी रिश्ता तय माना जाता है।
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।