सीनियर डिप्लोमा (III Year) - गायन (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )
क्रियात्मक परीक्षा १०० अंकों कि तथा शास्त्र का एक प्रश्न-पत्र ५० अंकों का।
पिछले वर्षों सम्पूर्ण पाठ्यक्रम भी इसमें सम्मिलित है।
सीनियर डिप्लोमा (III Year) - गायन (शास्त्र पाठ्यक्रम )
क्रियात्मक परीक्षा १०० अंकों कि तथा शास्त्र का एक प्रश्न-पत्र ५० अंकों का।
पिछले वर्षों सम्पूर्ण पाठ्यक्रम भी इसमें सम्मिलित है।
संगीत प्रवेशिका - गायन (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )
इसकी क्रियात्मक परीक्षा ७० अंको कि होगी।
१. ७ शुद्ध और ५ विकृत स्वरों को गाने का अभ्यास।
२. अल्हैया बिलावल, ,यमन , खमाज और भूपाली रागों में एक-एक छोटा ख्याल एवं दो सरल तान।
३. पञ्च सरल अलंकारों का अभ्यास (विलम्बित तथा मध्य-लयों में)
४. दादरा कहरवा में तीनताल के ठेकों को ताली देते हुए ठाह कि लय में बोलना।
संगीत प्रवेशिका - गायन (शास्त्र मौखिक पाठ्यक्रम )
शास्त्र मौखिक परीक्षा ३० अंकों की होगी।
निम्नलिखित शब्दों कि परिभाषा एवं उनका ज्ञान।
ध्वनि, नाद, स्वर, चल-स्वर, अचल-स्वर, शुद्ध स्वर, एवं विकृत स्वर, आरोह, अवरोह, वादी, संवादी,लय, मात्रा, ताली सम एवं आवर्तन।
संगीत प्रभाकर (VI Year) - गायन (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )
प्रयाग संगीत समिति, इलाहबाद का पाठ्यक्रम. षष्ठम वर्ष/संगीत प्रभाकर (Sixth Year/Sangeet Prabhakar) क्रियात्मक परीक्षा २०० अंकों की और दो प्रश्न-पत्र ५०-५० अंकों के. पिछले वर्षों का पाठ्यक्रम भी सम्मिलित है.
क्रियात्मक (Practical)
१. राग पहचान में निपुणता और अल्पत्व-बहुत्व, तिरोभाव-आविर्भाव और समता-विभिन्नता दिखाने के लिए पूर्व वर्षों के सभी रागों का प्रयोग हो सकता है, इसलिए सभी का विशेष विस्तृत अध्ययन आवश्यक है.
२. गाने में विशेष तैयारी, आलाप-तान में सफाई महफिल के गाने में निपुणता.
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।