कमला देवी संगीत महाविद्यालय
यह भारत का एक प्रमुख संगीत शिक्षण संस्थान हैं। यह संगीत शिक्षण संस्थान छ्त्तीसगढ में स्थित हैं।
- Read more about कमला देवी संगीत महाविद्यालय
- Log in to post comments
- 71 views
अली अकबर कालेज ऑफ म्यूजिक
अली अकबर कॉलेज ऑफ म्यूजिक उत्तर भारत के शास्त्रीय संगीत में उच्चतम व्यावसायिक स्तर पर शिक्षा प्रदान करता है। हमारे प्राथमिक प्रशिक्षकों ने महान सरोद मास्टर, मास्टरो अली अकबर खान के साथ कई वर्षों तक अध्ययन किया है और हमारे तबला मास्टर पंडित स्वपन चौधुरी के साथ पढ़ाया है। कॉलेज में, छात्र संगीत के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आवश्यक संगीत कौशल, ज्ञान और समझ सीखते हैं। हमारे अंतरराष्ट्रीय छात्र शरीर शुरुआती से लेकर कुशल पेशेवर तक हैं। सुविधाओं में कई अभ्यास कमरे, कक्षाएं और एक कॉन्सर्ट हॉल शामिल हैं।
- Read more about अली अकबर कालेज ऑफ म्यूजिक
- Log in to post comments
- 41 views
गन्धर्व संगीत महाविद्यालय: संगीत का महा मंदिर
देश में संगीत शिक्षा के क्षेत्र में गंधर्व महाविद्यालय का स्थान सर्वोपरि है। यहां से प्रशिक्षित कई संगीतकारों ने संगीत की दुनिया में अपना नाम किया है। गंधर्व महाविद्यालय की विशेषताएं बता रहे हैं शरद अग्रवाल
- Read more about गन्धर्व संगीत महाविद्यालय: संगीत का महा मंदिर
- Log in to post comments
- 32 views
संगीत शिक्षण प्रणालिया और वास्तविकता
मानवीय जीवन यह शिक्षण का दूसरा नाम हैं,व्यक्ति अपने जनम से लेकर मरण तक कुछ न कुछ सीखता रहता हैं,
- Read more about संगीत शिक्षण प्रणालिया और वास्तविकता
- Log in to post comments
- 493 views
शास्त्रीय संगीत के बढ़े हैं श्रोता-जसराज
मेवाती घराने के हिन्दुस्तानी शैली के जाने माने शास्त्रीय गायक पंडित जसराज ने कहा कि चैनलों पर आने वाले कार्यक्रमों की वजह से शास्त्रीय संगीत के श्रोताओं की संख्या बढ़ रही है।
अपने जन्म दिन की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण पंडित जसराज ने कहा पंडाल लगाकर आयोजित किए जाने वाले शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों में तीन-चार हजार लोग ही आ पाते हैं। इस बात के लिए चैनलों का शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए कि उन्होंने शास्त्रीय संगीत को घर- घर तक पहुँचाया।
- Read more about शास्त्रीय संगीत के बढ़े हैं श्रोता-जसराज
- Log in to post comments
- 25 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।