Asavari

Asavari
Thaat: Asavari
Jati: Audav-Sampooran (5/7)
Virjit Notes: ‘G’ & ‘N’ in Aroh
Vadi: Dha
Samvadi: Ga
Vikrat Notes: G, D, N komal
Time: Day, Second Pehar
Aroh: S R m P d S*
Avroh: S* n d P m g R S


राग आसावरी का परिचय
वादी: ध॒
संवादी: ग॒
थाट: ASAWARI
आरोह: सारेमपध॒सां
अवरोह: सांनि॒ध॒पमग॒रेसा
पकड़: रेमपनि॒ध॒प
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-SAMPURN
समय: दिन का प्रथम  प्रहर
 

गोपिका बसन्त

यह एक बहुत ही मीठा राग है। इस राग में राग मालकौन्स की झलक दिखाई देती है, पर पंचम का उपयोग करने से यह राग मालकौन्स से अलग दिखाई देता है। आरोह में पंचम का उपयोग कम किया जाता है। यह स्वर संगतियाँ राग गोपिका बसंत का रूप दर्शाती हैं -

,ध१ ,नि१ सा ; ग१ ग१ म ग१ सा ; सा ग१ म प म ; म प म ग१ सा ; ग१ म ध१ ध१ नि१ ध१ म ; प ध१ नि१ ; म नि१ ध१ ; प म ग१ म प ; ग१ म ग१ ; नि१ ध१ म प ग१ म ; ग१ म प म ग१ सा ,ध१ ,नि१ ,ध१ सा ,नि१ ग१ सा ; ग१ म ग१ सा ; नि१ ध१ प नि१ ध१ प म ग१ ; प म प म ग१ ; ग१' सा' नि१ ; ध१ नि१ ; प ध१ म प ग१ म ; प म ग१ सा ; ,ध१ ,ध१ ,नि१ ,नि१ सा ;.

गोरख कल्याण

यह एक बहुत ही मीठा और प्रभावशाली राग है। आरोह में तीन स्वर वर्ज्य होने के कारण इस राग की जाति सुरतर कहलाती है।

इस राग में मध्यम एक महत्वपूर्ण स्वर है जो इस राग का वादी और न्यास स्वर है। इसी कारण यह राग नारायणी से अलग हो जाता है, जिसमें न्यास और वादी स्वर पंचम है। गोरख कल्याण में मन्द्र सप्तक का कोमल निषाद एक न्यास स्वर है जो इस राग की पहचान है। आरोह में निषाद वर्ज्य है जिसके कारण यह राग बागेश्री से अलग हो जाता है। परन्तु कोमल निषाद को आरोह में अल्प स्वर के रूप में लगाते हैं जो इस राग की सुंदरता बढ़ाता है जैसे - ,ध ,नि१ रे सा या ,नि१ सा रे सा

तहकीकात एक हिंदी क्राइम थ्रिलर सीरीज है

तहकीकात एक हिंदी क्राइम थ्रिलर श्रृंखला है जो वर्ष 1994 में प्रसारित होने पर बहुत लोकप्रिय हुई। इसमें विजय आनंद और सौरभ शुक्ला ने सैम डिसिल्वा और गोपीचंद के किरदारों को निभाते हुए लोकप्रिय जासूसी जोड़ी के रूप में अभिनय किया। शो का प्रारूप इस प्रकार है, कि प्रत्येक एपिसोड एक नई अपराध दृश्य जांच है और इसे मनोरंजक रहस्य, तीव्र कार्रवाई और हास्य के स्पर्श के साथ खेला जाता है। इस शो ने मुख्य रूप से विजय आनंद और सौरभ शुक्ला के प्रमुख अभिनेताओं के बीच की केमिस्ट्री के कारण काम किया।

हारमोनियम कलाप्रवीण व्यक्ति और संगीतकार पंडित मनोहर चिमोटे

पंडित मनोहर चिमोटे (२७ मार्च १९२९ - ९ सितंबर २०१२) एक प्रमुख संवादिनी वादक थे। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह पंडित मनोहर चिमोटे थे जिन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में एकल हारमोनियम - संवादिनी वादन की नींव रखी थी। उन्होंने हारमोनियम - पश्चिमी आयात का एक उपकरण - को सितार, सरोद के बराबर एकल वाद्य यंत्र के पूर्ण स्तर तक ऊंचा करने के लिए इसे अपना जीवन मिशन बना लिया। बांसुरी और शहनाई। हारमोनियम का भारतीयकरण करने के बाद, उन्होंने सत्तर के दशक की शुरुआत में इसका नाम बदलकर संवादिनी कर दिया।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय