Musicians of Kashi
Saint/Sanyasis Kashi Katha
writers of kashi
Kashi KLiterature
Damodar Pandit-
Damodar Pandit said person case in prose. The Prakrit Paigalam of the composition is a poetic text composed by him. According to the opinion of Kashikeya, which was composed to teach the language of the market to the princes of Kashi, the praise of Kashiswar Rana is a part of this poem.
Kabirdas-
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पंडित पंढरीनाथ नागेश्कर
Pt. Pandharinath Ganadhar Nageshkar was born on 16th March 1913, at Nagoshi (Goa). He had a great interest in Tabla since his childhood. He took his initial training at home, under his maternal uncle, Shri Ganpatrao Nageshkar. Subsequently, he trained under Shri Vallemama (Shri Yashwantrao Vitthal Bandivdekar), Ustad Anwar Hussain Khan (Ustad Amir Hussain Khan’s disciple), Shri Jatin Baksh (Roshanara Begum’s Tabla player) and Shri Subrao Mama Ankolikar. He gained some new insights on the instrument from Shri Khaprumama Parvatkar.
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तबला वादक पंडित नंदन मेहता
पंडित नंदन मेहता (26 फरवरी 1942 - 26 मार्च 2010) अहमदाबाद के एक भारतीय तबला वादक और संगीत शिक्षक थे, जो हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने से संबंधित थे। उन्होंने सप्तक संगीत विद्यालय की स्थापना की और 1980 में संगीत का सप्तक वार्षिक उत्सव शुरू किया।
• प्रारंभिक जीवन: नंदन मेहता का जन्म 26 फरवरी 1942 को एक लेखक और वकील यशोधर मेहता और एक चित्रकार और सर चिनुभाई बारोनेट की बेटी वसुमती के घर हुआ था। उनके दादा नर्मदाशंकर मेहता एक प्रतिष्ठित वेदांत विद्वान थे।
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।