റാഷിദ് ഖാൻ

Ustad Rashid Khan (born 1 July 1968)[1] is an Indian classical musician in the Hindustani music tradition. He belongs to the Rampur-Sahaswan gharana, and is the great-grandson of gharana founder Inayat Hussain Khan. He is married to Soma Khan.

In a story told in several versions, Pandit Bhimsen Joshi once remarked that Rashid Khan was the "assurance for the future of Indian vocal music"He was awarded the Padma Shri, as well as the Sangeet Natak Akademi Award in 2006.

റാസ അലി ഖാൻ

Ustad Raza Ali Khan (born on 8 August 1962 in Karachi, Pakistan) is an Indian classical vocalist of the Kasur Patiala gharana.

Early years
Raza Ali Khan was born in Karachi, Pakistan to Hindustani classical vocalist Ustad Munawar Ali Khan, who was the son of The Legendary Ustad Bade Ghulam Ali Khan. He received his early training from his grandfather and then from his father. He also accompanied his father on concerts.

Career
Raza Ali performs Khayal, Thumri, Dadra, Ghazal, Geet, Sozkhani, Noha Khani, and Manqabat.

സലാമത്ത് അലി ഖാൻ

Salamat Ali Khan (12 December 1934 – 11 July 2001[4]) was a Pakistani vocalist and touring artist known for his contribution to the Hindustani classical music.[5] Widely regarded as one of the greatest classical singers of the subcontinent,[6] he was active in music industry, particularly in classical music after the partition of the Indian subcontinent, however he earned his recognition before migrated to Pakistan. In 1969, he appeared in Edinburgh Festival, leading him to earn international recognition.

ഇന്ത്യൻ സംഗീതത്തെക്കുറിച്ച് അറിയാം

संगीत हम सभी को लुभाता है। कहा जाता है कि संगीत के पीछे खुदा चलता है। संगीत की महत्ता इसी बात से पता चल जाती है। शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसे संगीत पसंद न हो। आइए संगीत के बारे में हम जानते हैं।

भारतीय संगीत प्राचीनकाल से ही सुना जाता रहा है। इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है। हिन्दू परंपरानुसार ब्रह्मा ने नारद मुनि को संगीत वरदान स्वरूप दिया था।

संगीत के स्वर भारतीय संगीत के सात शुद्ध स्वर होते हैं। ये हैं- षड्‍ज (सा), ऋषभ (रे), गंधार (ग), मध्यम (म), पंचम (प), धैवत (ध), निषाद (नी)।

കുമാർ സാനു

कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का अलग अंदाज़ बनाये रखा है।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय