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शख्सियत

ವಸುಂಧರಾ ಕೊಮ್ಕಲಿ

Vasundhara Komkali (1931–2015), popularly known as Vasundhara Tai, was an Indian classical musician and one of the leading exponents of the Gwalior gharana, an old Khyal tradition of Hindustani music. She was the wife of renowned musician, Kumar Gandharva,] and was a recipient of the 2009 Sangeet Natak Akademi Award. The Government of India awarded her the fourth highest civilian honour of the Padma Shri, in 2006, for her contributions to Indian classical music.

ಡಾ. ಸುಹಸಿನಿ ಕಟ್ಕರ್

ಡಾ. ಸುಹಸಿನಿ ಕೊರಟ್ಕರ್ (30 ನವೆಂಬರ್ 1944 - 7 ನವೆಂಬರ್ 2017) ಹಿಂದೂಸ್ತಾನಿ ಶಾಸ್ತ್ರೀಯ ಸಂಗೀತದ ಭೆಂಡಿ-ಬಜಾರ್ ಘರಾನಾದ ಅಪರೂಪದ ಶೈಲಿಯ ಅತ್ಯಂತ ಹಿರಿಯ ಮತ್ತು ಟಾರ್ಚ್ ಧಾರಕ. ಅವರು ಭೆಂಡಿ-ಬಜಾರ್ ಘರಾನಾದ ಪ್ರಮುಖ ಪ್ರತಿಪಾದಕ ಪಂಡಿತ್ ಟ್ರಯಂಬಕ್ರಾವ್ ಜನೋರಿಕರ್ ಅವರ ಶಿಷ್ಯರಾಗಿದ್ದರು. ಅನುಭವಿ ತುಮ್ರಿ ಕಲಾವಿದ ವಿದುಶಿ ನೈನಾ ದೇವಿಯ ವಿಶೇಷ ಶೈಲಿಯನ್ನು ಪ್ರತಿನಿಧಿಸುವ ಅವರು ತುಮ್ರಿ-ದಾದ್ರಾ ಅವರ ಪ್ರಸಿದ್ಧ ಕಲಾವಿದೆ.

ದೀರ್ಘಕಾಲದ ಅನಾರೋಗ್ಯದಿಂದಾಗಿ ಅವರು 7 ನವೆಂಬರ್ 2017 ರಂದು ಪುಣೆಯಲ್ಲಿ ನಿಧನರಾದರು.

ಶಾನೋ ಖುರಾನಾ

Shanno Khurana (born 1927) is a noted Indian classical vocalist and composer, from the Rampur-Sahaswan gharana of Hindustani classical music. A disciple of the doyen of the gharana, Ustad Mushtaq Hussain Khan (d. 1964), she is known for performing rare bandish and raag, though her singing style includes genres like khayal, tarana, thumri, dadra, tappa, to chaiti and bhajan. Born and brought up in Jodhpur, she started singing on All India Radio in 1945 in Lahore, later shifted to Delhi, where she continued her singing on All India Radio, Delhi and in concerts and music festivals.

काशी के साहित्यकार

काशी के साहित्यकार

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पंडित ने गद्य में उक्ति व्यक्ति. रचना की प्राकृत पैगलम् इन्हीं के द्वारा रचित एक काव्य. जो काशी के की सिखलाने के.

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1456 पालन ​​नीरू-नीमा किया तथा बाह्य आडम्बरों का. प्रसाद ने इन्हें का डिक्टेटर बताया तो भाषा 'पंचमेल खिचड़ी'. (,,) 1576

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'कह' रैदास ने एक परम्परा चलाई जिसे साधु.

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- संवत् 1554 12,, ,,,, रामाज्ञा ,, जानकी ,, जी, मधुसूदन. काशी में इनके बड़े स्नेही भक्त भदैनी के एक भूमिहार जमींदार. मृत्यु पर इन्होंने कई दोहे. 1680

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काशी के दरबारी महाराज चेत और उदित. - ,, -शिख,

ರಾಮವಿಲಾಸದ ಸಂಗೀತ

ರಾಮ್ ವಿಲಾಸ್ ಶರ್ಮಾ ಒಬ್ಬ ಆಳವಾದ ವಿದ್ವಾಂಸ, ನಮ್ಮ ಕಾಲದ ವಿಮರ್ಶಕ ಮತ್ತು ಚಿಂತಕ. ಅವರ ದೀರ್ಘಕಾಲೀನ ಕೆಲಸದ ಪ್ರಾಮಾಣಿಕ ಮೌಲ್ಯಮಾಪನ, ಅದರ ವಿವಿಧ ಅಂಶಗಳು ಮತ್ತು ಅಂಶಗಳು ಬಹುಶಃ ಈಗಲೇ ಆರಂಭವಾಗುತ್ತವೆ.

ಸಲಾಮತ್ ಅಲಿ ಖಾನ್

Salamat Ali Khan (12 December 1934 – 11 July 2001[4]) was a Pakistani vocalist and touring artist known for his contribution to the Hindustani classical music.[5] Widely regarded as one of the greatest classical singers of the subcontinent,[6] he was active in music industry, particularly in classical music after the partition of the Indian subcontinent, however he earned his recognition before migrated to Pakistan. In 1969, he appeared in Edinburgh Festival, leading him to earn international recognition.

ಹಸರತ್ ಮೊಹಾನಿ

मौलाना हसरत मोहानी (1 जनवरी 1875 - 1 मई 1951) साहित्यकार, शायर, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक और "इंक़लाब ज़िन्दाबाद" का नारा देने वाले आज़ादी के सिपाही थे।

ಕುಮಾರ್ ಸಾನು

कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का अलग अंदाज़ बनाये रखा है।

ತ್ಯಾಗರಾಜ ಜೀವನ

त्यागराज प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वे 'कर्नाटक संगीत' के महान् ज्ञाता तथा भक्तिमार्ग के कवि थे। इन्होंने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उनके सर्वश्रेष्ठ गीत अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं। त्यागराज ने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया था। उनकी विद्वता उनकी हर कृति में झलकती है, हालांकि 'पंचरत्न' कृति को उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना कहा जाता है। त्यागराज के जीवन का कोई भी पल श्रीराम से जुदा नहीं था। वह अपनी कृतियों में भगवान राम को मित्र, मालिक, पिता और सहायक बताते थे।

ಎಲ್. ಸುಬ್ರಮಣ್ಯಂ

        एल. सुब्रमण्यम एक प्रतिभाशाली भारतीय वायलिन वादक, संगीतकार और दक्षिण भारतीय एवं पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का कर्नाटक संगीत के साथ कुशल संयोजक करनेवाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं. इनके द्वारा संयोजित संगीत की धुनें अपने-आप में अनोखी हैं. ये महज एक वायलिन वादक ही नहीं हैं अपितु इन्हें संगीत के क्षेत्र में तकनीक और नये प्रयोगों के क्रांतिकारी परिवर्तनकर्ता के रूप में जाना जाता है.

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