Poorvi

राग पूर्वी सायंकाल संधि प्रकाश के समय गाया जाने वाला राग है। यह पूर्वांग प्रधान राग है। इस राग का विस्तार मन्द्र तथा मध्य सप्तक में अधिक होता है। इस राग की प्रक्रुति गम्भीर है।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय