નૃત્યમાં જીવનનો દરેક રંગ - મમતા શંકર

जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री एवं कोरिओग्राफर ममता शंकर हमेशा नया करने की धुन में लगी रहती हैं। नृत्य-कला इन्हें विरासत में मिली है। ममता, देश के मूर्धन्य शास्त्रीय नृत्य-कलाकार उदय शंकर एवं अमला शंकर की पुत्री हैं। मां-पिता की ऊंगली पकड़कर इन्होंने नृत्य की बारीकियां सीखीं और बाद में फिल्म अभिनेत्री के रूप में भी ममता ने अपनी एक अलग पहचान बनाई।

સંગીત મિત્ર જેવું છે - BBCની 'એક મુલકાત'માં શુભા મુદગલ

मशहूर गायिका शुभा मुदगल, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत और लोकप्रिय संगीत का अद्भुत मेल करने की कोशिश की है। शुभा मुदगल शास्त्रीय संगीत सुनने वालों और लोकप्रिय संगीत के दीवाने युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।

સંગીતની ધૂન સાજા થશે

दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों की भागदौड़ भरी जिन्दगी में उच्च रक्तचाप, अवसाद, तनाव और हृदयरोग के बढ़ते मामलों का अनूठा इलाज 'संगीत' में छिपा है और यह दावा करने वाला एक कलाकार संगीत से चिकित्सा के इन्हीं रहस्यों से परदा उठाने की कोशिश कर रहा है ।

युवा तबला वादक मुस्तफा हुसैन ने बताया, 'पूरी मनुष्य प्रजाति एक-दो-तीन-चार के ताल में चल रही है। यही मूलभूत लय है, जिस पर पूरी सृष्टि आधारित है।' उन्होंने कहा, 'संगीत सुकून तो पैदा ही करता है, इसमें तनाव, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग, डिप्रेशन सहित कई बीमारियों को दूर करने की अचूक शक्ति है बशर्ते इसे सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए।

સંગીત દ્વારા અનેક રોગો મટે છે

बीमारियों का इलाज अब सिर्फ दवाइयों से ही नहीं, बल्कि अपरंपरागत उपचार विधियों से भी किया जाने लगा है। सुगंध, स्पर्श से लेकर संगीत द्वारा भी बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जाने लगा है। बहुत से शोधों के उपरांत चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से रोजमर्रा की होने वाली बहुत-सी बीमारियों से निजात पाई जा सकती है।
हाल ही में खबर आई है कि कई दिनों से कोमा में पड़ा एक बच्चा अपनी मां की लोरी सुनकर होश में आ गया। यह सिद्ध करता है कि ध्वनि तरंगों के माध्यम से भी उपचार किया जा सकता है।

આરડી બર્મને તેમનું પહેલું ગીત 9 વર્ષની ઉંમરે કમ્પોઝ કર્યું હતું.

1) 27 जून 1939 को कोलकाता में जन्मे राहुल देव बर्मन के पिता सचिन देव बर्मन की गिनती बॉलीवुड के महान संगीतकारों में होती है। राहुल ने अपने पिता की परम्परा को आगे बढ़ाया। 
 
2) आरडी को पंचम नाम से फिल्म जगत में पुकारा जाता था। पंचम नाम के पीछे मजेदार किस्सा है। आरडी बचपन में जब भी गुनगुनाते थे, प शब्द का ही उपयोग करते थे। यह बात अभिनेता अशोक कुमार के ध्यान में आई। सा रे गा मा पा में ‘प’ का स्थान पाँचवाँ है। इसलिए उन्होंने राहुल देव को पंचम नाम से पुकारना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनका यही नाम लोकप्रिय हो गया।
 

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय