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सम्पूर्ण - षाडव

मियाँ की मल्लार

वादी: म
संवादी: सा
थाट: KAFI
आरोह: रेमरेसा मरेप नि॒धनिसां
अवरोह: सांनि॒प मपग॒मरेसा
पकड़: रेम रेसा ऩि॒प़म़प़ऩि॒ध़ऩिसा पग॒मरेसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: SAMPURN-SHADAV
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: उभय निषाद, वर्षा ऋतु में

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