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बसन्त

बसन्त

राग बसंत, बसंत ऋतु में गाया जाने वाला राग है। इसे मध्य और तार सप्तक में अधिक गाया जाता है। इस राग में बसंत ऋतु के अलावा श्रृंगार रस और विरह रस कि बन्दिशें दिखाई देती हैं। शुद्ध मध्यम का प्रयोग कभी कभी ऐसे किया जाता है - सा म म ग

यह स्वर संगतियाँ राग बसंत का रूप दर्शाती हैं - सा ध१ प ; प ध१ प प म् ग म् ग ; म् नि ध१ म् ग म् ग रे१ सा ; सा म ; म ग ; म् ध१ रे१' सा' ; नि ध१ प ; 

संबंधित राग परिचय

बसन्त

बसन्त

राग बसंत, बसंत ऋतु में गाया जाने वाला राग है। इसे मध्य और तार सप्तक में अधिक गाया जाता है। इस राग में बसंत ऋतु के अलावा श्रृंगार रस और विरह रस कि बन्दिशें दिखाई देती हैं। शुद्ध मध्यम का प्रयोग कभी कभी ऐसे किया जाता है - सा म म ग

यह स्वर संगतियाँ राग बसंत का रूप दर्शाती हैं - सा ध१ प ; प ध१ प प म् ग म् ग ; म् नि ध१ म् ग म् ग रे१ सा ; सा म ; म ग ; म् ध१ रे१' सा' ; नि ध१ प ; 

थाट

राग जाति

आरोह अवरोह
सा ग म् ध१ नि सा' - सा' नि ध१ प म् ग म् नि ध१ म् ग रे१ सा;
वादी स्वर
तार षड्ज/पंचम
संवादी स्वर
तार षड्ज/पंचम
बसन्त

Comments

Pooja Mon, 19/04/2021 - 19:36

राग बसन्त का परिचय
वादी: सां
संवादी: प
थाट: PURVI
आरोह: सागम॓ध॒रें॒सां
अवरोह: रें॒निध॒प, म॓ग, म॓गरे॒सा
पकड़: म॓ध॒सां, म॓ध॒रें॒सां
रागांग: उत्तरांग
जाति: SHADAV-SAMPURN
समय: रात्रि का तृतीय प्रहर