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तमिल नाडु

कुम्मी नृत्य

कुम्‍मी तमिलनाडु के ग्रामीण नृत्‍यों का सबसे महत्‍वपूर्ण और प्राचीन रूप है। इस लोक नृत्य का जन्‍म तब हुआ जब कोई संगीत वाद्य नहीं होते थे और इसमें ताल बनाए रखने के लिए प्रतिभा‍गी तालियाँ बजा कर नृत्‍य करते थे। इसे महिलाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है|

देवरत्तनम नृत्य

देवरत्‍तम विशुद्ध रूप से लोक नृत्य है, जिसे अब तक तमिलनाडु के मदुरई ज़िले के कोडानगपट्टी के वीरापंड्या काटाबोम्‍मन राजवंश के वंशजों द्वारा बचाए रखा गया है। 

पोइक्‍कल कुदीराई अट्टम नृत्य

पुईकल कुडीराई अट्टम तमिलनाडु का नकली घोड़ों के साथ किया जाने वाला लोक नृत्य है, जहाँ नृत्‍य करने वाला व्‍यक्ति अपनी कमर की ऊँचाई पर घोड़े के शरीर की आकृति का एक नकली पुतला पहनता है।

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