ਤਿਆਗਰਾਜ ਦੀ ਜੀਵਨੀ

त्यागराज प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वे 'कर्नाटक संगीत' के महान् ज्ञाता तथा भक्तिमार्ग के कवि थे। इन्होंने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उनके सर्वश्रेष्ठ गीत अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं। त्यागराज ने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया था। उनकी विद्वता उनकी हर कृति में झलकती है, हालांकि 'पंचरत्न' कृति को उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना कहा जाता है। त्यागराज के जीवन का कोई भी पल श्रीराम से जुदा नहीं था। वह अपनी कृतियों में भगवान राम को मित्र, मालिक, पिता और सहायक बताते थे।

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मेन्युइन, येहूदी : (२२ एप्रिल १९१६ – १२ मार्च १९९९). प्रख्यात अमेरिकन व्हायोलिनवादक. भारतीय संगीताच्या संदर्भात त्यांची कामगिरी विशेष मोलाची मानली जाते. त्यांचा जन्म न्यूयॉर्क शहरात रशियन ज्यू (यहुदी) कुटुंबात झाला होता. त्यांचे वडील मोशे हे राब्बींच्या (सामान्यतः ज्यू विद्वानांना तसेच ज्यू धार्मिक ग्रंथ व तत्त्वे शिकविणाऱ्यांना ही उपाधी लावली जाते) कुटुंबातील होते. १९१९ च्या उत्तरार्धात मोशे आणि त्यांची पत्नी मारुथा अमेरिकन नागरिक बनले आणि त्यांनी कुटुंबाचे नाव बदलून मेन्युइन केले. येहूदींची आई पियानोवादक होती व त्यांच्याकडून येहूदींना संगीताचे बाळकडू मिळाले.

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय