त्यागराज चरित्र
त्यागराज प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वे 'कर्नाटक संगीत' के महान् ज्ञाता तथा भक्तिमार्ग के कवि थे। इन्होंने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उनके सर्वश्रेष्ठ गीत अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं। त्यागराज ने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया था। उनकी विद्वता उनकी हर कृति में झलकती है, हालांकि 'पंचरत्न' कृति को उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना कहा जाता है। त्यागराज के जीवन का कोई भी पल श्रीराम से जुदा नहीं था। वह अपनी कृतियों में भगवान राम को मित्र, मालिक, पिता और सहायक बताते थे।
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ഹസ്രത്ത് മോഹനി
मौलाना हसरत मोहानी (1 जनवरी 1875 - 1 मई 1951) साहित्यकार, शायर, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक और "इंक़लाब ज़िन्दाबाद" का नारा देने वाले आज़ादी के सिपाही थे।
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l सुब्रमण्यम
एल. सुब्रमण्यम एक प्रतिभाशाली भारतीय वायलिन वादक, संगीतकार और दक्षिण भारतीय एवं पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का कर्नाटक संगीत के साथ कुशल संयोजक करनेवाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं. इनके द्वारा संयोजित संगीत की धुनें अपने-आप में अनोखी हैं. ये महज एक वायलिन वादक ही नहीं हैं अपितु इन्हें संगीत के क्षेत्र में तकनीक और नये प्रयोगों के क्रांतिकारी परिवर्तनकर्ता के रूप में जाना जाता है.
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पुरंदरदास चरित्र
सोलहवीं शताब्दी का समय, कर्नाटक के विजयनगर राज्य के उत्कर्ष का शानदार समय था। विजय नगर के सम्राट कृष्णदेव राय न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक बल्कि सामाजिक क्षेत्र के भी उस दौर के सबसे महानतम राजाओं में प्रसिद्ध थे। इस राज्य का, भक्ति काल को बुलंदियों पर पहुँचाने का विशेष योगदान है। इसी राज्य की बहुमूल्य भेंट है- श्रेष्ठ कवि, महान संगीतकार, धर्म का अवतार महान संत श्री पुरन्दरदास।
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शुभा मुदगल
Shubha Mudgal (born 1 January 1959) is an Indian singer of Hindustani classical music. Her repertoire includes the genres of khyal, thumri, dadra, and Indian pop. She has received the Padma Shri in 2000.
Early life
Shubha was born in Allahabad into an academic family.[2][3][4] Her parents, Skand Gupta and Jaya Gupta, were both professors of English literature at Allahabad University, and both of them had a deep interest in Hindustani classical music and kathak.[5][6] Shubha's paternal grandfather, P. C. Gupta, had also been a professor at Allahabad University.
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।