बंसी की स्वर यात्रा
बंसीधर कृष्ण कहैया ।भगवान श्रीकृष्णाच्या या नामातून पुकारा जात आहेत, जसे की बंसी आणि कृष्ण एक पर्याय म्हणून.
या बंसीच्या जन्माच्या संबंधात महाकवि कालिदास ने कुमार कि , भौरों द्वारा पूर्वित वंश - नलिका में वायु के प्रवेश से मधुर ध्वनी को सुनकर किन्नरांनी त्याला वाद्य म्हणून प्रचलित केले. हे वाद्य खूप पुराना आहेत ,भारत के नाट्यशास्त्रात भी वंशी का वर्णन आहे , महाभारत ,श्रीमत्भागवत मध्ये भी वंशी या बांसुरी का वर्णन आहे ,दासूर ने लिहिले आहे ,
"मेरे स्ववरे जेव्हा मुरली अधर धरी
सुनी थके देव विमान । सुर वधु चित्र समान ।
गढ़ नक्षत्र तजत ने रास । यहीं बंशे ध्वनी पास ।
- Read more about बंसी की स्वर यात्रा
- Log in to post comments
- 61 views
फ्यूजन का कन्फ्यूजन
लीजिये जनाब,अब जमाना आ गया हैं फ्यूजन म्यूजिक का,जिसे देखो फ्यूजन कर रहा हैं,फ्यूजन सुन रहा हैं,बडे पिता की संतान हो,या नामचीन कलाकार,संघर्षरत कलाकार हो या ,नौसिखा गायक वादक,सब फ्यूजन की धुन में लगे हैं,आलम यह हैं की चारो दिशाओ में फ्यूजन हो रहा हैं और हम कन्फ्यूज़ हो रहे हैं.
आख़िर हैं क्या बला यह फ्यूजन ???आईये आज जानते हैं फ्यूजन के बारे में ।
- Read more about फ्यूजन का कन्फ्यूजन
- Log in to post comments
- 29 views
संगीत शिक्षण प्रणालिया आणि वास्तविकता
मानवीय जीवन यह शिक्षण का दूसरा नाम हैं,व्यक्ति अपने जनम से लेकर मरण तक कुछ न कुछ सीखता रहता हैं,
- Read more about संगीत शिक्षण प्रणालिया आणि वास्तविकता
- Log in to post comments
- 493 views
वर्तमानात संगीताची स्थिती
हमारे देश में प्राचीन काल से प्रचलित ६४ महत्वपूर्ण कलाओ में से एक सर्वोत्कृष्ट कला मानी गई हैं संगीत,संगीत जो मन का रंजन करे,संगीत जो आत्मा को अभिवयक्त करे,संगीत जो ईश्वरीय कला हैं। संगीत जो कण कण, अनु अनु में व्यापत हैं,पानी की उठती गिरती लहरों में संगीत हैं,झरने की कल कल चल चल में संगीत हैं,पत्तो की फड फड में संगीत हैं,बच्चो की मधुर बोली में संगीत हैं,पंछियों के स्वर में संगीत हैं, प्रकृति में हर कही संगीत हैं,सम्पुरण वायुमंडल में संगीत की अवय्क्त ध्वानिया निरंतर गुंजायमान हो रही हैं,चराचर जगत के प्रत्येक तत्व में संगीत हैं.
- Read more about वर्तमानात संगीताची स्थिती
- Log in to post comments
- 421 views
शास्त्रीय संगीत ऐकणारे वाढले - जसराज
मेवाती घराण्याचे हिंदुस्थानी शैलीचे सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज म्हणाले की, वाहिन्यांवर येणाऱ्या कार्यक्रमांमुळे शास्त्रीय संगीत ऐकणाऱ्यांची संख्या वाढत आहे.
आपल्या वाढदिवसाच्या पूर्वसंध्येला पद्मविभूषण पंडित जसराज म्हणाले की, पँडल उभारून आयोजित केलेल्या शास्त्रीय संगीताच्या कार्यक्रमांना केवळ तीन-चार हजार लोक येऊ शकतात. शास्त्रीय संगीत प्रत्येक घरात पोहोचवल्याबद्दल वाहिन्यांचे आभार मानले पाहिजेत.
- Read more about शास्त्रीय संगीत ऐकणारे वाढले - जसराज
- Log in to post comments
- 25 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।