Gods Composers and Singers Tumburu
In Hindu mythology, Tumburu is the best of singers and the great composer of Gandharvas. He composed music and songs for the court of celestial deities. In the Puranas, Tumburu or Tumburu is described as the son of sage Kashyapa and his wife Prabha.
Tumbaru is often said to be the best among the Gandharvas. He sings in the presence of the gods. Like Narada, he is also considered the king of songs. According to ancient Puranas, Narada is considered the teacher of Tumburu. Narada and Tumburu are said to sing the glory of Lord Vishnu.
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Mian-ki-Todi
Todi, also known as Mian-ki-Todi (Miyan-ki-Thodi), is a very common morning rag. However, there is a certain disagreement as to its structure. According to some, all seven notes are used in both the ascending and descending structures; according to this approach, this rag is sampurna - sampurna. Others suggest that the Pa is absent in the arohana but present in the avarohana; according to this approach this rag is shadav - sampurna. Here we are presenting the sampurna - sampurna version. There is also disagreement concerning the vadi and the samvadi.
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Laccha Sakh
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Lanka Dahan Sarang
यह सारंग का प्राचीन प्रकार है जो की वर्त्तमान में अधिक प्रचलन में नहीं है। राग वृंदावनी सारंग के अवरोह में धैवत और कोमल गंधार का उपयोग होने से इस राग का स्वरुप प्रकट होता है। इस राग में कोमल गंधार का प्रयोग इस तरह से किया जा सकता है जैसे - ध प रे ग१ रे सा - देसी समान या रे ग१ रे सा - जयजयवंती समान। ध नि१ प का प्रयोग बहुत ही अल्प है और धैवत का उपयोग भी कभी कभी ही किया जाता है।
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Ramdasi Malhar
यह एक बहुत ही मधुर लेकिन अप्रसिद्ध राग है। यह राग शहंशाह अकबर के दरबार गायक श्री रामदास जी द्वारा निर्मित है। दोनों गंधार लगने के कारण यह सभी मल्हार के प्रकारों से भिन्न हो जाता है। अवरोह में कोमल गंधार वक्र रूप से लगाया जाता है जैसे- प ग म रे सा ; और आलाप और तानों का अंत इन्ही स्वरों से होता है। इस राग में मध्यम-रिषभ (म-रे), रिषभ-पंचम (रे-प) और निषाद-पंचम (नि-प) की संगति होती है।
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।