कलिंगड़ा

राग कलिंगड़ा का परिचय
वादी: प
संवादी: सा
थाट: BHAIRAV
आरोह: सारे॒गम पध॒निसां
अवरोह: सांनिध॒प मगरे॒सा
पकड़: ध॒प गमग ऩि सारे॒ग म
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: रात्रि का तृतीय प्रहर
विशेष: ऋषभ एवं धैवत पर कम आन्दोलन। न्यास- सा ग प।
 

मोहनम

Mohanam is a rāga in Carnatic music (musical scale of South Indian classical music). It is an audava rāga (or owdava rāga, meaning pentatonic scale). It is usually described as a janya rāga of Harikamboji (28th Melakartha Raga). However, alternate opinions suggest that Mechakalyani may be a more appropriate classification based on the lakshana of the raga.

The equivalent of Mohanam in Hindustani music is Bhoop (or Bhopali).

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस क्यों मनाया जाता हैं

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई. यह एक महान रिफ़ोर्मर जीन जॉर्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि आज से 2000 वर्ष पूर्व देवताओ के कहने पर ब्रम्हाजी ने नृत्य वेद तैयार किया तभी से नृत्य की उत्पत्ति मानी जाती है. जब नृत्य वेद की रचना पूरी हुई, तब नृत्य करने का अभ्यास भरतमुनि के सौ पुत्रो ने किया. इस नृत्य वेद में सामवेद, अथर्ववेद, ऋग्वेद और यजुर्वेद की कई चीजों को शामिल किया गया.

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

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