राजन और साजन मिश्रा

राजन मिश्र एवं साजन मिश्र  भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक हैं। इन्हें सन २००७ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।  इनका सम्बन्ध बनारस घराने से है।


Rajan and Sajan Mishra (Hindi: राजन और साजन मिश्रा) are brothers, singers of the khyal style of Indian classical music. They were awarded the Padma Bhushan in 2007Sangeet Natak Akademi Award, jointly in 1998he Gandharwa National Award for 1994-1995 and the National Tansen Samman 2011-2012 on 14 December 2012.

मधुप मुद्गल

Madhup Mudgal is an Indian Hindustani classical music vocalist.,[2] known for his khayal and bhajan renditions. A disciple of Kumar Gandharva, he is also a composer, conductor of famous Gandharva Choir and has been principal of the Gandharva Mahavidyalaya, Delhi, a music and dance school since 1995[

He received the prestigious Padma Shri award from the Government of India in 2006.[

शुभा मुद्गल

शुभा मुद्गल (जन्म १९४९) भारत की एक प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, खयाल, टुमरी, दादरा और प्रचलित पॉप संगीत गायिका हैं। इन्हें १९९६ में सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म संगीत निर्देशन का नेशनल अवार्ड अमृत बीज के लिये मिला था। १९९८ में संगीत में विशेष योगदान हेतु गोल्ड प्लाक अवार्ड, ३४वें शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में उनकी फिल्म डांस ऑफ द विंड (१९९७) के लिये मिला था। इसके अलावा इन्हें २००० में पद्मश्री भी मिल चुका है।

तृप्ति मुखर्जी

तृप्ति मुखर्जी एक भारतीय शास्त्रीय गायिका हैं। वह मेवाती घराने से ताल्लुक रखती हैं और पंडित जसराज संस्थान की संस्थापक और निदेशक हैं। तृप्ति मुखर्जी को दुनिया भर में कई स्थानों पर उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बड़ी पहचान मिली है। वह ऑल इंडिया रेडियो और राष्ट्रीय भारतीय टेलीविजन की एक नियमित कलाकार हैं।


Pandita Tripti Mukherjee is an Indian classical vocalist. She belongs to Mewati Gharana. She is the founder and director of the Pandit Jasraj Institute for Music, Research, Artistry and Appreciation.

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय