राग केदार - कान्हा रे - उस्ताद राशिद खान
Anand
Tue, 24/11/2020 - 16:38
राग केदार: कान्हा रे - उस्ताद राशिद खान
कान्हा रे नंद नंदना
परम निरंजन, हे सुख भंजन ||
कांता मणि मोटियाना की माला
फेरत मुदिता, भई बृज बाला ||
गुनीजन
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