Skip to main content

शख्सियत

ସଲାମତ ଅଲି ଖାନ

Salamat Ali Khan (12 December 1934 – 11 July 2001[4]) was a Pakistani vocalist and touring artist known for his contribution to the Hindustani classical music.[5] Widely regarded as one of the greatest classical singers of the subcontinent,[6] he was active in music industry, particularly in classical music after the partition of the Indian subcontinent, however he earned his recognition before migrated to Pakistan. In 1969, he appeared in Edinburgh Festival, leading him to earn international recognition.

ହସରାଟ ମୋହାନି

मौलाना हसरत मोहानी (1 जनवरी 1875 - 1 मई 1951) साहित्यकार, शायर, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक और "इंक़लाब ज़िन्दाबाद" का नारा देने वाले आज़ादी के सिपाही थे।

କୁମାର ସାନୁ

कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का अलग अंदाज़ बनाये रखा है।

tyagaraja ଜୀବନୀ

त्यागराज प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वे 'कर्नाटक संगीत' के महान् ज्ञाता तथा भक्तिमार्ग के कवि थे। इन्होंने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उनके सर्वश्रेष्ठ गीत अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं। त्यागराज ने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया था। उनकी विद्वता उनकी हर कृति में झलकती है, हालांकि 'पंचरत्न' कृति को उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना कहा जाता है। त्यागराज के जीवन का कोई भी पल श्रीराम से जुदा नहीं था। वह अपनी कृतियों में भगवान राम को मित्र, मालिक, पिता और सहायक बताते थे।

l। ସୁବ୍ରମଣ୍ୟମ୍ |

        एल. सुब्रमण्यम एक प्रतिभाशाली भारतीय वायलिन वादक, संगीतकार और दक्षिण भारतीय एवं पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का कर्नाटक संगीत के साथ कुशल संयोजक करनेवाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं. इनके द्वारा संयोजित संगीत की धुनें अपने-आप में अनोखी हैं. ये महज एक वायलिन वादक ही नहीं हैं अपितु इन्हें संगीत के क्षेत्र में तकनीक और नये प्रयोगों के क्रांतिकारी परिवर्तनकर्ता के रूप में जाना जाता है.

ବାଦ୍ୟଯନ୍ତ୍ର ପଦ୍ମ ଭୂଷଣ ଡ। କିଡନୀ ବିନ୍ସ |

Dr. N. Rajam (born 16 April 1938) is an Indian violinist who performs Hindustani classical music. She remained Professor of Music at Banaras Hindu University, eventually became Head of the department and the Dean of the Faculty of Performing Arts of the University.
She was awarded the 2012 Sangeet Natak Akademi Fellowship, the highest honour in the performing arts conferred by the Sangeet Natak Akademi, India's National Academy for Music, Dance and Drama.

ମୋଇନୁଦ୍ଦିନ ଖାନ

Moinuddin Khan is a veteran Indian classical instrumentalist and vocalist, who plays sarangi. Based in Jaipur, he belongs to the "Jaipur gharana" of Hindustani classical music. Renowned for dignified method of presenting ASTHAI-ALAAP-ANTRA in Vilambit and DRUT with LAYAKARI has an extreme control over TAN - GAMAKplaying.

Khan has performed his music for All India Radio, Jaipur, in solo programmes.

In 2014, the Government of India conferred upon him its fourth-highest civilian award the Padma Shr

ରସିଦ ଖାନ

Ustad Rashid Khan (born 1 July 1968)[1] is an Indian classical musician in the Hindustani music tradition. He belongs to the Rampur-Sahaswan gharana, and is the great-grandson of gharana founder Inayat Hussain Khan. He is married to Soma Khan.

In a story told in several versions, Pandit Bhimsen Joshi once remarked that Rashid Khan was the "assurance for the future of Indian vocal music"He was awarded the Padma Shri, as well as the Sangeet Natak Akademi Award in 2006.

संबंधित राग परिचय