Deshkar
Anand
Thu, 11/03/2021 - 23:00
राग देशकार, राग भूपाली के निकट का राग है, इसलिये इसे गाते समय सावधानी बरतनी चाहिये। राग देशकार में शुद्ध धैवत बहुत प्रबल है। पंचम से आलाप का अन्त करना चाहिये।
यह स्वर संगतियाँ राग देशकार का रूप दर्शाती हैं - सा ग रे सा ; ,ध ,ध सा ; सा रे ग प ध ; ध ग प ; प ध सा' ; ध प ध ग प ; ग प ध प ग रे सा ; रे ,ध ,ध सा ; ग प ध ध ; प ध प ग प ध प ध ग प ध सा' सा' ; ध प ; प ध ग प ; ग प ध प ग रे सा ; रे ,ध सा ;
थाट
राग जाति
आरोह अवरोह
सा रे ग प ध सा' - सा' ध प ध ग प ग रे सा ;
वादी स्वर
धैवत/गंधार
संवादी स्वर
धैवत/गंधार
राग के अन्य नाम
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