माता रानी की भेंट लक्खा की आवाज में
सात सुरांचा भारतीय संसार
Raagparichay
Mon, 08/01/2024 - 15:36
सृष्टि की उत्पत्ति की प्रक्रिया नाद के साथ हुई। जब प्रथम महास्फोट (बिग बैंग) हुआ, तब आदि नाद उत्पन्न हुआ। उस मूल ध्वनि को जिसका प्रतीक ‘ॐ‘ है, नादव्रह्म कहा जाता है। पांतजलि योगसूत्र में पातंजलि मुनि ने इसका वर्णन ‘तस्य वाचक प्रणव:‘ की अभिव्यक्ति ॐ के रूप में है, ऐसा कहा है। माण्डूक्योपनिषद् में कहा है-
ओमित्येतदक्षरमिदम् सर्वं तस्योपव्याख्यानं
भूतं भवद्भविष्यदिपि सर्वमोड्◌ंकार एवं
यच्यान्यत् त्रिकालातीतं तदप्योङ्कार एव॥
माण्डूक्योपनिषद्-१॥
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