अलविदा लता जी
सुर कोकिला लता मंगेशकर ने अपनी आवाज से 6 दशकों से भी ज़्यादा संगीत की दुनिया को सुरों से नवाज़ा है। लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाये है। अपनी सुरीली और दिल में उतर जाने वाली आवाज से उन्होंने कभी श्रोताओं के दिल में प्यार जगाया है तो कभी आंखों में आंसू भर दिए।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में 1974 से 1991 तक लता मंगेशकर का नाम दुनिया की सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं सिंगर के तौर पर दर्ज है। कहा जाता है कि उन्होंने 1948 से 1974 तक करीब 25,000 एकल, युगल और कोरस के साथ गाने गाए थे। ये गाने 20 अलग-अलग भाषाओं में गाए गए थे। 1991 में यह कैटिगरी हटा दी गई थी, लेकिन 2011 में वापस इंट्रोड्यूज की गई थी। हालांकि, 2011 में ही गिनीज ने आधिकारिक तौर से सूचित किया था कि लता की बहन आशा भोसले संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं आर्टिस्ट हैं।
शुरुआती सफर में पतली आवाज होने की वजह से आलोचना मिलने के बाद, आखिर 1948 में आई फिल्म 'मजबूर' के गाने 'दिल मेरा तोड़ा' से उन्हें पहचान मिली। फिल्म 'महल' के गाने 'आएगा आने वाला' से तो वह प्रसिद्ध हो गईं ।
लता जी को वैसे तो अब तक ढेरों अवॉर्ड्स से नवाजा जा चुका है, लेकिन एक खास अवॉर्ड, जो उन्होंने अपने नाम किया, वह था- नॉन-क्लासिकल सिंगर कैटिगरी में भारत रत्न अवॉर्ड। यह अवॉर्ड हासिल करने वालीं लता मंगेशकर भारत की दूसरी सिंगर बनीं। उनसे पहले यह अवॉर्ड एमएस सुब्बुलक्ष्मी को मिला था।
*सादर श्रद्धाँजलि*
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लता मंगेशकर
लता मंगेशकर
देवदासी परिवार की लता मंगेशकर ने संगीत जगत पर दशकों तक राज किया, लता जी की दादी यानी पिता दीनानाथ मंगेशकर की माँ येसुबाई गोवा के मंगेशी मंदिर में देवदासी थीं।
मंदिरों में रहने वाली देवदासियाँ की उस दौर में बुरी स्थिति थी। लेकिन दीनानाथ मंगेशकर के पिता ने उनमें से एक से शादी करने का साहस दिखाया। हालाँकि वे फिर गोवा छोड़कर चले गए।
कल से लता मंगेशकर जी की महानता से लबरेज़ पोस्ट्स सामने देख कर कुछ दूसरे फ़नकारों को भी याद करना बनता है,
इनमे से कइयों को लतादीदी की महानता ने गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया था।
जिनमे लताजी की सगी बहन स्वयं आशा भोंसले समेत कई गायिकाओं मसलन
मुबारक_बेगम (कभी तन्हाईयों में यूँ हमारी याद आयेगी_हमारी याद आएगी1961),
बेगम परवीन_सुल्ताना (हमें तुमसे प्यार कितना_कुदरत 1981),
सुधा_मल्होत्रा (सलाम-ए-हसरत क़ुबूल करलो-बाबर 1961),
और सुमन_कल्याणपुरकर जो वॉइस क़्वालिटी व टेक्सचर और सिंगिंग क्वालिटी में लता मंगेशकर से रत्ती भर उन्नीस नही थी फिर भी कोने से लगा दी गईं।
हेमलता, के गाने सुने ही होंगे ज़्यादा नही दो नग़मे 'अँखियों के झरोखों से' और 'तू इस तरह से मिरी ज़िंदगी में शामिल है' हेमलता की उम्दा फनकारी की बेहतरीन मिसाल पेश करते है,
अनुराधा पौडवाल जैसे कई बड़े नाम इनमें शामिल हैं जो दीदी की कृपा से लाइमलाइट से गायब हो गईं। (इसमें अनुराधा पौडवाल को तरक्की गुलशन कुमार की मेहरबानी से नसीब हुई थी)
और कभी #आशा भोसले के दिल में छुपे दीदी से मिले नश्तरों को देख लेना।
एक इंटरव्यू में लता जी का कहना कि अज़ीम गुलूकार मोहम्मद रफ़ी और उनके बीच अनबन हुई थी और बाद में रफ़ी जी द्वारा लिखित में माफी मांगने के बाद ही उन्होंने उनके साथ गाना गाना मंज़ूर किया। इस पर मो. रफी के साहबज़ादे शाहिद रफ़ी ने फ़ौरन एतराज़ दर्ज कराया था। और लताजी से मांग की थी कि अगर वो सच्ची हैं तो वह उस कथित लिखित माफ़ीनामे को सार्वजनिक करें,
लेकिन लता दीदी ऐसी कोई माफीनामा नही दिखा सकीं जबकि लतादीदी ने सबसे ज़्यादा डुएट गाने रफ़ी साहब ही के साथ गाए थे।
ओपी नैयर मारूफ़ कम्पोज़र हुए हैं उनकी एक कम्पोज़िशन पर कोएक्ट्रेस के लिए लता के इंकार (लता दीदी को ये बेइज़्ज़ती लगी कि उनका गाना किसी साइड एक्ट्रेस पर पिक्चराइज़ हो) के बाद ओपी नैयर ने फिर कभी लता से नही गवाया।
हिंदी गानों से मक़बूलियत, मकाम हासिल करने वाली सिंगर महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों के शारिरिक, मानसिक, राजनीतिक उत्पीड़न पर चुप रहने वाली दीदी के मराठी मानुस की कथित श्रेष्ठता व वरीयता पर उनके ख़्यालात भी याद करिये।
दीदी के सावरकर प्रेम पर तो ज़िक्र ही क्या करना क्योंकि ख़ुद दीदी ने ही इस प्रेम श्रद्धा को जगज़ाहिर किया था।
द्विराष्ट्र परिकल्पना रचने वाले और अंग्रेजों से माफ़ी माँगने वाले, हिंदुओं द्वारा मुसलमान औरतों से बलात्कार को जायज़ और सम्मानित कृत बताने वाले सावरकर, दीदी के विचारों में देशप्रेमी और भारत निर्माता और उनके पितातुल्य थे।
ढूँढिये क्या पता शायद गाँधीजी के हत्यारे के प्रति दीदी का प्रेम भी कहीं मिल जाये।
यतींद्र मिश्र की किताब बताती है कि लता मंगेशकर के आदर्श पुरूष विनायक दामोदर सावरकर थे।
प्रसिद्ध लोकशायर सांभा जी भगत बताते हैं कि उनके लोग लता जी के पास गए थे। वे चाहते थे कि लता जी आंबेडकर पर केंद्रित गानों को अपना स्वर दें। लता जी ने मना कर दिया, जबकि सांभा जी के लोग उन्हें पर्याप्त फीस देने को तैयार थे।
आडवाणी रथयात्रा जिसने देश मे साम्प्रदायिकता की जड़ें गहरी की, रथयात्रा जिसके वजह से क़ई दंगे हुए, जिसमें सैंकड़ो इंसानों की जान गयी, उस रथयात्रा का सिग्नेचर ट्यून लता मंगेशकर ने गाया था
लता जी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरूआत होने पर टि्विट कर कहा था कि "कई राजाओं का, कई पीढ़ियों का और समस्त विश्व के राम भक्तों का सदियों से अधूरा सपना आज साकार हो रहा है"।
पॉप गायिका रिहाना ने जब भारत में जारी किसान आंदोलन की ओर दुनिया का ध्यान खींचना चाहा था तो लता जी ने उसे टि्वीट करके लताड़ा था।
सैकड़ों गाना गाने वाली लता मंगेशकर ने किसान आंदोलन के समर्थन में ना बोल कर किसान बिल को मौन समर्थन दिया था
misbah siddiki के पोस्ट एडिट के साथ
mohd.jilani