Kala Aur Sanskriti : Koodiyattam : Kerala's Ancient Theatre | कूडियाट्टम : केरल का पारंपरिक थिएटर
कुडियाट्टम एक लम्बे समय तक चलने वाली नृत्यनाटिका है।इस नर्तिनाटिका में जीवन के चार आश्रमों का समावेश होता है। कभी कभी यह नृत्यनाटिका हफ़्तों तक चलती है। दरसल में पहले के समय में जिन नाटकों में संस्कृत भाषा का प्रयोग संवाद और पार्श्व गायन के लिए होता था उसी में अब मलयालम भाषा का इस्तेमाल कर इसे आधुनिकता के रंग में ढाल दिया गया है। इस नाटक में मलयालम भाषा में हास्य और व्यंग्य को विनोद के साथ दर्शकों के सामने पेश किया जाता है। परिचय के अंत में नाटक की शरुआत होती है। नाटक में सभी पात्रों के संवाद लयबद्ध छंद के रूप में होते हैं। इन छंदों की भाषा संस्कृत होती है।
Kudiyattam is a long-lasting dance drama, which consists of four ashramas in life. Sometimes this choreography lasts for weeks. In earlier times, plays in which the Sanskrit language was used for dialogue and playback singing, now it has been converted to the color of modernity by using the Malayalam language. In this play, humor and satire in the Malayalam language are presented to the audience with humor. The play begins at the end of the introduction. All the characters' dialogues in the play are in rhythmic verses. The language of these verses is Sanskrit
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