जूनियर डिप्लोमा (II Year) - गायन (शाश्त्र पाठ्यक्रम )
१. निम्नलिखित सरल विषयों तथा पारिभाषिक शब्दों का साधारण ज्ञान- ध्वनि, ध्वनि कि उत्पत्ति, कम्पन्न, आन्दोलन (नियमित-अनियमित, स्थिर-अस्थिर आंदोलन), आन्दोलन - संख्या, नाद कि तीन विशेषताएं, नाद, कि उच्च - नीचता का आंदोलन-संख्या से सम्बंध, नाद और श्रुति, गीत के प्रकार-बड़ा-ख्याल, छोटा ख्याल, ध्रुपद तथा लक्षण-गीत के अवयव (स्थाई, अंतरा, संचारी,आभोग), जनकथाट, जन्यराग, आश्रयराग, ग्रह , अंश, न्यास, वक्र-स्वर, समयसमय और सप्तक का पूर्वांग-उत्तरांग, वादी-स्वर का राग के समय से सम्बंध, पूर्व-उत्तर राग, तिगुन, चौगुन, मीड, कण, स्पर्श-स्वर तथा वक्र स्वर।
जूनियर डिप्लोमा (I Year) - गायन (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )
क्रियात्मक-परीक्षा १०० अंको कि होगी। शास्त्र का एक प्रश्न - पत्र ५० अंको का।
क्रियात्मक
१. स्वर-ज्ञान - ७ शुद्ध और ५ विकृत-स्वरों को गाने और पहचानने का ज्ञान, अधिकतर दो-दो स्वरों के सरल समूहों को गाने और पहचानने का अभ्यास। शुद्ध-स्वरों का विशेष ज्ञान।
Vocalist and Composer Pandit Maniram
Pandit Maniram (8 December 1910 – 16 May 1985) was a Hindustani Classical vocalist of the Mewati Gharana. Maniram was the eldest son and disciple of Pandit Motiram and the guru and elder brother of Pandit Jasraj.
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Syahi : Function and Application
Syahi : Function and Application ••
Syahi (also known as gaab, ank, satham or karanai) is the tuning paste applied to the head of many South Asian percussion instruments like the Dholki, Tabla, Madal, Mridangam, Khol and Pakhavaj.
• Overview :
Syahi is usually black in colour, circular in shape and is made of a mixture of flour, water and iron filings. Originally, syahi was a temporary application of flour and water. Over time it has evolved into a permanent addition.
• Function :
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Flat Back Tambura (Tamburi) or Tanpura
Flat Back Tambura (Tamburi) or Tanpura
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।