संगीत रस सुरस
भारतीय संगीत अलौकिक हैं,भारतीय शास्त्रीय संगीत पध्दति में राग गायन की परम्परा हैं, जो विश्व की किसी भीअन्य संगीत पध्दति में नही हैं,राग शब्द रंज धातु से उत्पन्न हुआ हैं.मेदिनी कोष में कहा गया हैं-"रंजनो रागजनने ,रंजनं रक्तचन्दने" अर्थात - रंजन शब्द ,रंग उत्पन्न करने और लालचंदन के अर्थ में पर्युकत होता हैं.इस प्रकार राग शब्द के अभीश्रेयार्थ -"रंग और रंगे जाने की प्रक्रिया हैं,"राग वह जो अपने रंग में रंग दे.ऐसा भी कहा गया हैं "रंजको जन्चित्तानाम"अर्थात जो जनों के ,लोगो के श्रोताओ के चित्त का रंजन करे वह राग हैं,साथ ही राग का गायन,वादन, गायन -वादन को अधिक व्यवस्थित व् क्रमबध्ध भी बनाता हैं,गाय
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तेरे सुर और मेरे गीत
तेरे सुर और मेरे गीत,दोनों मीलकर बनेंगी प्रीत ....सुंदर गीत हैं न! जानते हैं किस राग मैं हैं ?यह हैं राग बिहाग .पिछली पोस्ट में हमने जाना . राग क्या होता हैं ?शुध्द ,विकृत स्वर क्या होते हैं ?और जाना राग यमन .
आज हम जानेंगे राग बिहाग और राग से सम्बंधित कुछ और महत्व पूर्ण तथ्य .
हम सभी जानते हैं की राग थाट से उत्पन्न होता हैं ,तो राग बिहाग का थाट हैं बिलावल ,थाट बिलावल में सब स्वर शुध्द होते हैं,और राग बिहाग में भी सब स्वर शुध्द होते हैं .
इस राग में सारे स्वर लगते हैं पर आरोह में रे ध वर्जित हैं .
आरोह हैं ..
सा ग म प नि सां
आवरोह हैं
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सिनेमा संगीत कल और आज
सिनेमा संगीत का नाम सुनते ही ह्रदय के तार झंकृत हो जाते हैं, मन मस्तिष्क पर न जाने कितने नए पुराने गाने छा जाते हैं,सिनेमा संगीत में हर किसी की रूचि हैं,छोटे छोटे बच्चे गाते नज़र आते हैं तू ही रे तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जीउ,तो वृध्ध गाते हैं तू यहाँ मैं वहा जिन्दगी हैं कहा?नवयुवक युवतिया मन ही मन गुनगुनाते हैं ओ पालन हरे निर्गुण ओ न्यारे ......
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फ्यूजन का कन्फ्यूजन
लीजिये जनाब,अब जमाना आ गया हैं फ्यूजन म्यूजिक का,जिसे देखो फ्यूजन कर रहा हैं,फ्यूजन सुन रहा हैं,बडे पिता की संतान हो,या नामचीन कलाकार,संघर्षरत कलाकार हो या ,नौसिखा गायक वादक,सब फ्यूजन की धुन में लगे हैं,आलम यह हैं की चारो दिशाओ में फ्यूजन हो रहा हैं और हम कन्फ्यूज़ हो रहे हैं.
आख़िर हैं क्या बला यह फ्यूजन ???आईये आज जानते हैं फ्यूजन के बारे में ।
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Famous Bhairavi and Songs
Everyone must have heard the name of Raag Bhairavi, it is a very popular raga, no matter how many songs have been composed in this raga, Babul Mora Naihar Chhutho jaye ho, how to explain it, I don't understand it, Mata Saraswati Sharda Daag chupke how? Adi songs have become very famous. Rag Bhairavi is the morning raga, but nowadays listeners do not let the program end without hearing Bhairavi, whether in the program night or in the day. Such Bhairavi ragas are also such that At the same time, the more Karnapriya is the more melodious and succulent it is.
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।