राग कल्याण परिचय
शुद्ध कल्याण
Raagparichay
Thu, 17/02/2022 - 02:02
राग शुद्ध कल्याण में आरोह में राग भूपाली और अवरोह में राग यमन के स्वर प्रयुक्त होते हैं। इस राग को भूप कल्याण के नाम से भी जाना जाता है परन्तु इसका नाम शुद्ध कल्याण ही ज्यादा प्रचलित है।
अवरोह में आलाप लेते समय, सा' नि ध और प म् ग को मींड में लिया जाता है और निषाद और मध्यम तीव्र पर न्यास नहीं किया जाता। तान लेते समय, अवरोह में निषाद को उन्मुक्त रूप से लिया जाता है पर मध्यम तीव्र को छोड़ा जा सकता है। यह स्वर संगति राग स्वरूप को स्पष्ट करती है -
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