राग मल्हार नोट्स
मेघ मल्हार
राग मेघ मल्हार बहुत ही मधुर और गंभीर वातावरण पैदा करने वाला राग है। इस राग के सभी स्वर राग मधुमाद सारंग के ही सामान हैं। परन्तु राग मधुमाद सारंग में सारंग अंग प्रभावी होता है जैसे - सा रे म रे ; म प नि१ प म रे, जिसमें वादी स्वर रिषभ है और मध्यम-रिषभ की संगती में मींड का उपयोग नहीं किया जाता। जबकि राग मेघ मल्हार में रिषभ हमेशा मध्यम का कण स्वर लेते हुए लगते हैं।
- Read more about मेघ मल्हार
- Log in to post comments
- 5376 views
शुद्ध मल्लार
- Read more about शुद्ध मल्लार
- Log in to post comments
- 1128 views
मियाँ की मल्लार
वादी: म
संवादी: सा
थाट: KAFI
आरोह: रेमरेसा मरेप नि॒धनिसां
अवरोह: सांनि॒प मपग॒मरेसा
पकड़: रेम रेसा ऩि॒प़म़प़ऩि॒ध़ऩिसा पग॒मरेसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: SAMPURN-SHADAV
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: उभय निषाद, वर्षा ऋतु में
- Read more about मियाँ की मल्लार
- 1 comment
- Log in to post comments
- 2444 views
गौड मल्हार
यह बहुत ही मधुर, चित्ताकर्षक और प्रभावशाली राग है परन्तु गाने में कठिन है। यह राग बहुत प्रचलन में है। इस राग को राग गौड के नाम से भी जाना जाता हैं। इस राग में गौड़ अंग, शुद्ध मल्हार अंग और बिलावल अंग का मिश्रण दिखाई देता है।
राग के अन्य नाम
- Read more about गौड मल्हार
- 1 comment
- Log in to post comments
- 2705 views