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कौशिक ध्वनी (भिन्न-षड्ज

कौशिक ध्वनी (भिन्न-षड्ज)

प्राचीन राग भिन्न-षड्ज को वर्तमान में कौशिक-ध्वनि के नाम से जाना जाता है। इसका वादी स्वर मध्यम होते हुए भी इसके बाकी स्वर भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जिन पर ठहराव किया जा सकता है। इस कारण इस राग में विस्तार की पूर्ण स्वतंत्रता है और इसे तीनो सप्तकों में सहज रूप से गाया जा सकता है।

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