कुचिपुड़ी dance
कुची पुडी नृत्य
कुचीपुडी के पंद्रह ब्राह्मण परिवारों ने पांच शताब्दियों से अधिक समय तक परम्परा को आगे बढ़ाया है। प्रतिष्ठित गुरु जैसे वेदांतम लक्ष्मी नारायण, चिंता कृष्णा मूर्ति और तादेपल्ली पेराया ने महिलाओं को इसमें शामिल कर नृत्य को और समृद्ध बनाया है। डॉ॰ वेमापति चिन्ना सत्यम ने इसमें कई नृत्य नाटिकाओं को जोड़ा और कई एकल प्रदर्शनों की नृत्य संरचना तैयार की और इस प्रकार नृत्य रूप के क्षितिज को व्यापक बनाया। यह परम्परा तब से महान बनी हुई है जब पुरुष ही महिलाओं का अभिनय करते थे और अब महिलाएं पुरुषों का अभिनय करने लगी हैं।
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