नृत्य का आध्यात्मिक महत्व
ओड़िसी― ओड़िसा
ओड़िसी को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित नृत्य रूपों में से एक माना जाता है।
* ओड़िसा के पारम्परिक नृत्य, ओड़िसी का जन्म मंदिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था।
* ओड़िसी नृत्य का उल्लेख शिला लेखों में मिलता है, इसे ब्रह्मेश्वर मंदिर के शिला लेखों में दर्शाया गया है साथ ही कोणार्क के सूर्य मंदिर के केन्द्रीय कक्ष में इसका उल्लेख मिलता है।
* वर्ष 1950 में इस पूरे नृत्य रूप को एक नया रूप दिया गया, जिसके लिए अभिनय चंद्रिका और मंदिरों में पाए गए तराशे हुए नृत्य की मुद्राएं धन्यवाद के पात्र हैं।
Tags
- Read more about ओड़िसी― ओड़िसा
- Log in to post comments
- 18 views
कुट्टीअट्टम
इतिहास राजा कुल शेखर वर्मन ने 10वीं शताब्दी में कुटियाट्टम में सुधार किया और रूप संस्कृत में प्रदर्शन की परम्परा को जारी रखे हुए है।प्राकृत भाषा और मलयालम अपने प्राचीन रूपों में इस माध्यम को जीवित रखे हैं। इस भण्डार में भास, हर्ष और महेन्द्र विक्रम पल्लव द्वारा दिखे गए नाटक शामिल हैं।
कुट्टीअट्टम अथवा कुटियाट्टम (अंग्रेज़ी: Kuttiyattam) केरल के शास्त्रीय रंगमंच का अद्वितीय रूप है जो अत्यंत मनमोहक है। यह 2000 वर्ष पहले के समय से किया जाता था और यह संस्कृत के नाटकों का अभिनय है और यह भारत का सबसे पुराना रंगमंच है, जिसे निरंतर प्रदर्शित किया जाता है।
- Read more about कुट्टीअट्टम
- Log in to post comments
- 31 views