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भारतीय नृत्य प्रकार मराठी

चाक्यारकूंतु नृत्य

केरल राज्य में आर्यों द्वारा प्रारम्भ किये गये चाक्यारकूंतु नृत्य शैली का आयोजन केवल मंदिर में किया जाता था और सिर्फ़ सवर्ण हिन्दू ही इसे देख सकते थे।
नृत्यगार को कूत्तम्बलम कहते हैं।
स्वर के साथ कथापाठ किया जाता है, जिसके अनुरूप चेहरे और हाथों से भावों की अभिव्यक्ति की जाती है

कुट्टीअट्टम

इतिहास राजा कुल शेखर वर्मन ने 10वीं शताब्‍दी में कुटियाट्टम में सुधार किया और रूप संस्‍कृत में प्रदर्शन की परम्‍परा को जारी रखे हुए है।प्राकृत भाषा और मलयालम अपने प्राचीन रूपों में इस माध्‍यम को जीवित रखे हैं। इस भण्‍डार में भास, हर्ष और महेन्‍द्र विक्रम पल्‍लव द्वारा दिखे गए नाटक शामिल हैं।
कुट्टीअट्टम अथवा कुटियाट्टम (अंग्रेज़ी: Kuttiyattam) केरल के शास्‍त्रीय रंगमंच का अद्वितीय रूप है जो अत्‍यंत मनमोहक है। यह‍ 2000 वर्ष पहले के समय से किया जाता था और यह संस्कृत के नाटकों का अभिनय है और यह भारत का सबसे पुराना रंगमंच है, जिसे निरंतर प्रदर्शित किया जाता है।  

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