ମୋହନ୍ରାଓ ପାଲେକର |
Mohanrao Palekar (Devanagari: मोहनराव पालेकर, 1898–1962) was a noted Hindustani classical vocalist and is considered a stalwart of Jaipur-Atrauli Gharana, commonly referred as Jaipur Gharana.
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ହସରାଟ ମୋହାନି
मौलाना हसरत मोहानी (1 जनवरी 1875 - 1 मई 1951) साहित्यकार, शायर, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक और "इंक़लाब ज़िन्दाबाद" का नारा देने वाले आज़ादी के सिपाही थे।
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କୁମାର ସାନୁ
कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का अलग अंदाज़ बनाये रखा है।
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tyagaraja ଜୀବନୀ
त्यागराज प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वे 'कर्नाटक संगीत' के महान् ज्ञाता तथा भक्तिमार्ग के कवि थे। इन्होंने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उनके सर्वश्रेष्ठ गीत अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं। त्यागराज ने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया था। उनकी विद्वता उनकी हर कृति में झलकती है, हालांकि 'पंचरत्न' कृति को उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना कहा जाता है। त्यागराज के जीवन का कोई भी पल श्रीराम से जुदा नहीं था। वह अपनी कृतियों में भगवान राम को मित्र, मालिक, पिता और सहायक बताते थे।
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ଭୋକଲିଷ୍ଟ ଗଣ ଭାସ୍କର ପଣ୍ଡିତ ମାଧବ ଗୁଦି |
Pandit Madhav Gudi (23 December 1941 - 22 April 2011) was a legendary Hindustani Classical Vocalist specialising in Khayal and light forms and a disciple of Pt. Bhimsen Joshi.
Pandit Madhav Gudi hails from the illustrious north Karnataka city of Dharwad, which has produced such distinguished stalwarts as Pt. Mallikarjun Mansur, Pta. Gangubai Hangal, and Pt. Basavraj Rajguru.
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।