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हिमाचल प्रदेश

ज्वालामुखी अगरही देवी नृत्य

'अगरही' पूर्वांचल के आदिवासियों का एक प्रमुख नृत्य है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इसे अगरिया जनजाति के पुरुष वर्ग के लोग जुलूस के रूप में करते हैं। सोनभद्र जनपद में शक्तिनगर के समीप ज्वालामुखी देवी का धाम है। वहां दोनों नवरात्रों में मध्य प्रदेश के सीधी - सरगुजा, बिहार के रोहतास - पलामू, उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर - सोनभद्र के हजारों आदिवासी मादल, ढोल, मजीरा बजाते हुए लंगोटी लगाकर, बाल मुंडवाकर, रोली लगाकर, बाना त्रिशूल लेकर यहाँ आकर मंदिर के चारों ओऱ नृत्य करते और त्रिशूल, नारियल, माला चढ़ाकर अथवा बकरे की बलि चढ़ाकर पूजा करते हैं। यह दृश्य तब रोमांचकारी हो जाता है जब वे अपनी जिव्हा में त

झमाकड़ा नृत्य

लोक नृत्य. झमाकड़ा नृत्यझमाकड़ा नृत्य काँगड़ा क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य है| इस नृत्य का प्रचलन जिस समय बारात वधू के द्वार पर आ पहुंचती है, उस समय ग्राम्य वधुएँ नए वस्त्र धारण कर बारात की आगवानी करती हैं, उन्हें मीठी-मीठी गाली गलौज भी करती हैं | हास्य-व्यंग्य द्वारा बारातियों को संबोधित किया जाता है | झमाकड़ा नृत्य करते समय पारंपरिक पहनावे में घाघरी कुर्त्ता धारण किया जाता है | सिर पर चांदी का चाक, गले में कंठहार तथा चन्द्रहार, नाक में नथनी, पैरों में पाजेब धारण 

नाटी नृत्य

नाटी एक समृद्ध नृत्य परंपरा है। यह मेलों तथा त्योहारों पर किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय व मशहूर नृत्य है। नाटी नृत्य हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, सिरमौर, शिमला इत्यादि जनपदों में किया जाता है।

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