हिन्डोल
हिन्डोल
यह राग मधुर परन्तु गाने में कठिन है इसीलिए इसे गुरु मुख से सीखना ही उचित है। इस राग में मध्यम तीव्र है और इसे गाने के लिए बहुत रियाज़ की आवश्यकता है। यह राग ज्यादा प्रचलन में नहीं है। यह स्वर संगतियाँ राग हिंडोल का रूप दर्शाती हैं -
सा ; ग म् ध ग म् ग ; म् ग ; ग सा ; ,ध ,ध सा ; ,नि ,म् ,ध सा ; सा ग म् ध ; ग म् ग ; म् ध सा' ; नि म् ध ; ग म् म् ग ; सा ; ,ध ,ध सा;
राग के अन्य नाम
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Pt. Prem Kumar Mallick | Raga - Hindol
Feel the resonance of evening ragas....Pandit Prem Kumar Mallick belongs to the illustrious musical family of Darbhanga Gharana and represents the 12th generation of this musical lineage. He is a well known artist in Hindustani Classical Vocal of All India Radio & Television.
Dr. Ashwini Bhide Deshpande | Raga - Hindol
Feel the resonance of evening ragas....Vidushi Ashwini Bhide-Deshpande is a Hindustani classical music vocalist from Mumbai. She belongs to the Jaipur-Atrauli gharana tradition.
T.N. Krishnan & Viji Krishnan | Raga - Hindolam
Feel the resonance of evening ragas....Trippunithura Narayanaiyer Krishnan was an Indian Carnatic music violinist. The violin legend has been the guiding light for many. His journey go down a road filled with milestones, achievements, and a life that only breathes music. #EminentAritistsofIndia #IndianCarnaticMusic
Dr. Ashwini Bhide Deshpande | Raga - Hindol
Feel the resonance of evening ragas....Vidushi Ashwini Bhide-Deshpande is a Hindustani classical music vocalist from Mumbai. She belongs to the Jaipur-Atrauli gharana tradition.
T.N. Krishnan & Viji Krishnan | Raga - Hindolam
Feel the resonance of evening ragas....Trippunithura Narayanaiyer Krishnan was an Indian Carnatic music violinist. The violin legend has been the guiding light for many. His journey go down a road filled with milestones, achievements, and a life that only breathes music. #EminentAritistsofIndia #IndianCarnaticMusic
संबंधित राग परिचय
हिन्डोल
यह राग मधुर परन्तु गाने में कठिन है इसीलिए इसे गुरु मुख से सीखना ही उचित है। इस राग में मध्यम तीव्र है और इसे गाने के लिए बहुत रियाज़ की आवश्यकता है। यह राग ज्यादा प्रचलन में नहीं है। यह स्वर संगतियाँ राग हिंडोल का रूप दर्शाती हैं -
सा ; ग म् ध ग म् ग ; म् ग ; ग सा ; ,ध ,ध सा ; ,नि ,म् ,ध सा ; सा ग म् ध ; ग म् ग ; म् ध सा' ; नि म् ध ; ग म् म् ग ; सा ; ,ध ,ध सा;
थाट
राग जाति
गायन वादन समय
राग के अन्य नाम
राग
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राग हिंदोल का परिचय
राग हिंदोल का परिचय
वादी: ध
संवादी: ग
थाट: KALYAN
आरोह: सागम॓धनिधसां
अवरोह: सांनिधम॓गसा
पकड़: गम॓धनिधम॓ग म॓गसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-AUDAV
समय: दिन का प्रथम प्रहर
विशेष: इसमें पंचम और ऋषभ वर्ज्य है। आरोह में निषाद वक्र रूप से प्रयोग होता है।