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शिवमत भैरव

शिवमत भैरव

संक्षिप्त परिचय:- इस राग की रचना भैरव थाट से मानी गई है। इसमें दोनों गंधार, दोनों निषाद, तथा ऋषभ- धैवत कोमल प्रयोग किये जाते हैं। जाति वक्र संम्पूर्ण है। वादी स्वर धैवत और संवादी ऋषभ है। गायन समय प्रातःकाल है।
आरोह– सा रे ग म प ध नि सां।
अवरोह– सां नि ध प, नि ध प म ग म रे सा, नि सा ग रे सा।

शिवमत भैरव विशेषता:-

संबंधित राग परिचय

शिवमत भैरव

संक्षिप्त परिचय:- इस राग की रचना भैरव थाट से मानी गई है। इसमें दोनों गंधार, दोनों निषाद, तथा ऋषभ- धैवत कोमल प्रयोग किये जाते हैं। जाति वक्र संम्पूर्ण है। वादी स्वर धैवत और संवादी ऋषभ है। गायन समय प्रातःकाल है।
आरोह– सा रे ग म प ध नि सां।
अवरोह– सां नि ध प, नि ध प म ग म रे सा, नि सा ग रे सा।

शिवमत भैरव विशेषता:-

  1. नाम से स्पष्ट है कि यह भैरव का एक प्रकार है।
  2. आरोह में शुद्ध और अवरोह में कोमल ग नि विशिष्ट स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं।
  3. इसकी चलन वक्र है। कुछ विद्वान ने इसमें भैरव और तोड़ी मेल माना है।
     

थाट