वर्षा
सूरदासी मल्हार
Raagparichay
Sun, 13/09/2020 - 19:12
राग सूरदासी-मल्हार में सारंग अंग और मल्हार अंग का मिश्रण है। आरोह में सारंग अंग जैसे - सा रे म प नि सा' के साथ मल्हार अंग इस तरह से दिखाया जाता है - म रे प ; म प नि१ नि सा'। अवरोह में धैवत स्वर का एक महत्वपूर्ण स्थान है जो सारंग अंग को अलग करता है जैसे - सा' नि१ ध प ; म रे प ; म ध प ; नि१ ध प ; म रे नि सा।
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गौड मल्हार
Raagparichay
Sun, 13/09/2020 - 01:16
यह बहुत ही मधुर, चित्ताकर्षक और प्रभावशाली राग है परन्तु गाने में कठिन है। यह राग बहुत प्रचलन में है। इस राग को राग गौड के नाम से भी जाना जाता हैं। इस राग में गौड़ अंग, शुद्ध मल्हार अंग और बिलावल अंग का मिश्रण दिखाई देता है।
राग के अन्य नाम
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