रामदासी मल्हार
रामदासी मल्हार
राग रामदासी मल्हार एक बहुत ही मधुर लेकिन अप्रसिद्ध राग है। यह राग शहंशाह अकबर के दरबार गायक श्री रामदास जी द्वारा निर्मित है। दोनों गंधार लगने के कारण यह सभी मल्हार के प्रकारों से भिन्न हो जाता है। अवरोह में कोमल गंधार वक्र रूप से लगाया जाता है जैसे- प ग म रे सा ; और आलाप और तानों का अंत इन्ही स्वरों से होता है। इस राग में मध्यम-रिषभ (म-रे), रिषभ-पंचम (रे-प) और निषाद-पंचम (नि-प) की संगति होती है।
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संबंधित राग परिचय
रामदासी मल्हार
राग रामदासी मल्हार एक बहुत ही मधुर लेकिन अप्रसिद्ध राग है। यह राग शहंशाह अकबर के दरबार गायक श्री रामदास जी द्वारा निर्मित है। दोनों गंधार लगने के कारण यह सभी मल्हार के प्रकारों से भिन्न हो जाता है। अवरोह में कोमल गंधार वक्र रूप से लगाया जाता है जैसे- प ग म रे सा ; और आलाप और तानों का अंत इन्ही स्वरों से होता है। इस राग में मध्यम-रिषभ (म-रे), रिषभ-पंचम (रे-प) और निषाद-पंचम (नि-प) की संगति होती है।
इस राग का विस्तार मध्य और तार सप्तक में किया जा सकता है। इस राग की प्रकृति शांत और गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग रामदासी मल्हार का रूप दर्शाती हैं -
सा म रे प ; प ग१ ग१ म रे सा ; सा रे ग ग म ; म ग म ; (नि१)प ग१ ग१ म ; रे सा ; म रे प ; म प ध नि सा' ; सा' नि१ ध नि१ प ; म प ध नि१ प ; ध प म ग म ; (नि१)प ग१ ग१ म रे सा;
थाट
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राग
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Raga Ramdasi Malhar by Ustad Amir Khan
Raga Ramdasi Malhar by Ustad Amir Khan
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Raag Ramdasi Malhar | Pt. Venkatesh Kumar
Pt. Venkatesh Kumarji performing Raag Ramdasi Malhar for our Malhar Utsav festival organized in June 2016. It was a two-day festival. On the first day we had Kaushiki Chakraborty ji and the second day we had Venkatesh Kumar ji perform for our audiences in Vadodara
Tabla: Shri Keshav Joshi
Harmonium: Shri Satish Kolli
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Pt Jasraj- Raag Ramdasi Malhar
Pt Jasraj- Raag Ramdasi Malhar-Source: From the collection of Mr.Farhat Said Khan & his son Mr.Rafat Said Khan
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Raag Ramdasi Malhar. Pandit Mallikarjun Mansur
Pandit Mallikarjun Mansur (31 December 1910 – 12 September 1992) was an Indian classical singer from Karnataka, an excellent vocalist in the khyal style in the Jaipur-Atrauli gharana (singing style)
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राग रामदासी मल्हार
The melodious but not very popular Raag Ramdasi Malhar, is presented to the viewers, with its detailed description. The use of Both Gandhars make it unique in Malhar Ang Raagas. Use of both Nishads as they are used in Miyan Malhar or Gaud Malhar are similar. After the description , few Aalaps have been given as a demonstration about its usage and intricacies.
The scale used here is C#
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राग रामदासी मल्हार