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भजन

भारतीय संगीत के मुख्य रूप से तीन भेद किये जाते हैं। शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और लोक संगीत। भजन सुगम संगीत की एक शैली है। इसका आधार शास्त्रीय संगीत या लोक संगीत हो सकता है। इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन मूल रूप से यह किसी देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत है।जैसे भगवान जम्भेश्वर भगवान रामदेव जी व तेजा जी के लिए गाये जाते है राजस्थान में  सामान्य रूप से उपासना की सभी भारतीय पद्धतियों में इसका प्रयोग किया जाता है। भजन मंदिरों में भी गाए जाते हैं। हिंदी भजन, जो आम तौर पर हिन्दू अपने सर्वशक्तिमान को याद करते हैं या गाते हैं| भजन मुख्य रूप से भगवान को याद करने के लिए एक तरह का माध्यम है जिसे हम भक्ति और आस्था भी कह  सकते हैं।

कुछ विख्यात भजन रचनाकारों की नामावली - मीराबाई, सूरदास, तुलसीदास, रसखान।

Pt. Bhimsen Joshi | Bhajan

Feel the resonance of evening ragas....Pandit Bhimsen Gururaj Joshi was an Indian vocalist from Karnataka, in the Hindustani classical tradition. He is known for the khayal form of singing, as well as for his popular renditions of devotional music. Bhimsen Joshi belongs to the Kirana gharana tradition of Hindustani Classical Music.

Pt. Uday Bhawalkar | Bhajan

Suprabhat "Meditation with morning ragas" Pandit Uday Bhawalkar is an Indian classical vocalist. He is an exponent of the dhrupad genre. Uday Bhawalkar is among the foremost Dhrupad vocalists and has been a strong force in its growing recognition, popularity and resurgence, worldwide. Uday believes that when immersed in the note and raga, the self disappears and music takes on its own existence; the principle of ‘darshan’ in Indian philosophy.

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