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असम

असम का बिहू नृत्य गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, बने दो विश्व कीर्तिमान

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, हमने आज गुवाहाटी के सरुसाजई में दो विश्व रिकॉर्ड के लिए प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस दौरान 11,304 बिहू नासनियों और ढोलियों ने हिस्सा लिया। इससे पहले एक साथ इस तरह का बिहू नृत्य कहीं नहीं हुआ..

सत्रिया नृत्य

15वीं शताब्‍दी ईस्‍वी में असम के महान वैष्‍णव संत और सुधारक श्रीमंत शंकरदेव द्वारा सत्रिया नृत्‍य को वैष्‍णव धर्म के प्रचार हेतु एक शक्तिशाली माध्‍यम के रूप में परिचित कराया गया । बाद में यह नृत्‍य शैली एक विशिष्‍ट नृत्‍य शैली के रूप में विकसित व विस्‍तारित हुई । यह असमी नृत्‍य और नाटक का नया खजाना, शताब्दियों तक सत्रों द्वारा एक बड़ी प्रतिज्ञा के साथ विकसित और संरक्षित किया गया है । ( अर्थात् वैष्‍णव मठ या विहार) इस नृत्‍य शैली को अपने धार्मिक विचार और सत्रों के साथ जुड़ाव के कारण उपयुक्‍त ढंग से सत्रिया नाम दिया गया  ।

बिहू नृत्य

बिहु नृत्य  भारत के असम राज्य का लोक नृत्य है जो बिहु त्योहार से संबंधित है। यह खुशी का नृत्य युवा पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जाता है और इसकी विशेषता फुर्तीली नृत्य मुद्राएँ तथा हाथों की तीव्र गति है। नर्तक पारंपरिक रंगीन असमिया परिधान पहनते हैं।

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