Dance
Dance
ભારતીય शास्त्रीय નૃત્ય
साहित्य में पहला संदर्भ वेदों से मिलता है, जहां नृत्य व संगीत का उदगम है । नृत्य का एक ज्यादा संयोजित इतिहास महाकाव्यों, अनेक पुराण, कवित्व साहित्य तथा नाटकों का समृद्ध कोष, जो संस्कृत में काव्य और नाटक के रूप में जाने जाते हैं, से पुनर्निर्मित किया जा सकता है । शास्त्रीय संस्कृत नाटक (ड्रामा) का विकास एक वर्णित विकास है, जो मुखरित शब्द, मुद्राओं और आकृति, ऐतिहासिक वर्णन, संगीत तथा शैलीगत गतिविधि का एक सम्मिश्रण है । यहां 12वीं सदी से 19वीं सदी तक अनेक प्रादेशिक रूप हैं, जिन्हें संगीतात्मक खेल या संगीत-नाटक कहा जाता है । संगीतात्मक खेलों में से वर्तमान शास्त्रीय नृत्य-रूपों
Tags
- Read more about ભારતીય शास्त्रीय નૃત્ય
- Log in to post comments
- 56 views
कथक नृत्य― ઉત્તર ભારત
कथक का नृत्य रूप 100 से अधिक घुंघरुओं को पैरों में बांध कर तालबद्ध पदचाप, विहंगम चक्कर द्वारा पहचाना जाता है और हिन्दु धार्मिक कथाओं के अलावा पर्शियन और उर्दू कविता से ली गई विषयवस्तुओं का नाटकीय प्रस्तुतीकरण किया जाता है।
* कथक का जन्म उत्तर में हुआ किन्तु पर्शियन और मुस्लिम प्रभाव से यह मंदिर की रीति से दरबारी मनोरंजन तक पहुंच गया।
* इस नृत्य परम्परा के दो प्रमुख घराने हैं, इन दोनों को उत्तर भारत के शहरों के नाम पर नाम दिया गया है और इनमें से दोनों ही क्षेत्रीय राजाओं के संरक्षण में विस्तारित हुआ - लखनऊ घराना और जयपुरघराना।
Tags
- Read more about कथक नृत्य― ઉત્તર ભારત
- Log in to post comments
- 110 views
મણિપુર क्षेत्र से आया शास्त्रीय नृत्य मणिपुरी नृत्य है
पूर्वोत्तर के मणिपुर क्षेत्र से आया शास्त्रीय नृत्य मणिपुरी नृत्य है।
* मणिपुरी नृत्य भारत के अन्य नृत्य रूपों से भिन्न है।
* इसमें शरीर धीमी गति से चलता है, सांकेतिक भव्यता और मनमोहक गति से भुजाएँ अंगुलियों तक प्रवाहित होती हैं।
* यह नृत्य रूप 18वीं शताब्दी में वैष्णव सम्प्रदाय के साथ विकसित हुआ जो इसके शुरूआती रीति रिवाज और जादुई नृत्य रूपों में से बना है।
* विष्णु पुराण, भागवत पुराण तथा गीत गोविंदम की रचनाओं से आई विषयवस्तुएँ इसमें प्रमुख रूप से उपयोग की जाती हैं।
Tags
- Read more about મણિપુર क्षेत्र से आया शास्त्रीय नृत्य मणिपुरी नृत्य है
- Log in to post comments
- 327 views
ભારતનું શાસ્ત્રીય અને લોક નૃત્ય
शास्त्रीय नृत्य | राज्य |
---|---|
भरतनाट्यम | तमिलनाडु |
कथकली | केरल |
मोहिनीअट्टम | केरल |
ओडिसी | उड़ीसा |
कुचिपुड़ी | आंध्र प्रदेश |
मणिपुरी | मणिपुर |
कथक | उत्तर भारत मुख्य रूप से यू.पी. |
सत्त्रिया नृत्य | असम |
Tags
- Read more about ભારતનું શાસ્ત્રીય અને લોક નૃત્ય
- Log in to post comments
- 173 views
શું પુનર્વિચાર કરવાનો સમય છે કે આપણે ડાન્સમાં મિરર્સનો ઉપયોગ કેવી રીતે કરીએ?
તમે સ્ટુડિયોમાં ચાલો છો અને તમે જે કરો છો તે પ્રથમ વસ્તુ તમારા અરીસામાં સરંજામ તપાસો. જ્યારે તમે નૃત્ય નિર્દેશનના નવા ભાગ પર કામ કરો છો, ત્યારે તમે તમારા પ્રતિબિંબનો ઉપયોગ કેવી રીતે કરે છે તેની સમજ મેળવવા માટે કરો છો. જ્યારે કોરિયોગ્રાફર તમને કરેક્શન આપે છે, ત્યારે તમે તેને સુધારવા માટે ફરી તમારી જાતને ડોકિયું કરો છો.
મોટાભાગના નર્તકો દિવસના કલાકો સુધી અરીસા પર આધાર રાખે છે. તે આપણી લાઇનોને સ્વ-સુધારવામાં અને આપણી ચળવળ કેવા લાગે છે તે જોઈ શકે છે. પરંતુ પુરાવા છે કે જે સૂચવે છે કે વધારે પડતો આધાર રાખીને તે હાનિકારક પણ હોઈ શકે છે.
- Read more about શું પુનર્વિચાર કરવાનો સમય છે કે આપણે ડાન્સમાં મિરર્સનો ઉપયોગ કેવી રીતે કરીએ?
- Log in to post comments
- 43 views
જનજાતીય અને લોક સંગીત
जनजातीय और लोक संगीत उस तरीके से नहीं सिखाया जाता है जिस तरीके से भारतीय शास्त्रीय संगीत सिखाया जाता है । प्रशिक्षण की कोई औपचारिक अवधि नहीं है। छात्र अपना पूरा जीवन संगीत सीखने में अर्पित करने में समर्थ होते हैं । ग्रामीण जीवन का अर्थशास्त्र इस प्रकार की बात के लिए अनुमति नहीं देता । संगीत अभ्यासकर्ताओं को शिकार करने, कृषि अथवा अपने चुने हुए किसी भी प्रकार का जीविका उपार्जन कार्य करने की इजाजत है।
Tags
- Read more about જનજાતીય અને લોક સંગીત
- Log in to post comments
- 226 views
ઇન્ટરનેશનલ ડે ડાન્સ કેમ મનાય છે
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई. यह एक महान रिफ़ोर्मर जीन जॉर्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि आज से 2000 वर्ष पूर्व देवताओ के कहने पर ब्रम्हाजी ने नृत्य वेद तैयार किया तभी से नृत्य की उत्पत्ति मानी जाती है. जब नृत्य वेद की रचना पूरी हुई, तब नृत्य करने का अभ्यास भरतमुनि के सौ पुत्रो ने किया. इस नृत्य वेद में सामवेद, अथर्ववेद, ऋग्वेद और यजुर्वेद की कई चीजों को शामिल किया गया.
- Read more about ઇન્ટરનેશનલ ડે ડાન્સ કેમ મનાય છે
- Log in to post comments
- 55 views
કથકલી કિસ રાજ્ય કા પરંપરાગત નૃત્ય છે?
प्रतियोगी परीक्षा में भातरीय नृत्य शैली से भी एक या दो सवाल पूछे जाते हैं. ऐसे सवालों को हल करने के लिए आपको इन नृत्य शैलियों के नाम और राज्य के नाम याद होना चाहिए...
- Read more about કથકલી કિસ રાજ્ય કા પરંપરાગત નૃત્ય છે?
- Log in to post comments
- 63 views
ઓહ માય ગોડ ધીસ ઈઝ સો સ્કેરી - યુનિક યુનિક યુનિક
- Read more about ઓહ માય ગોડ ધીસ ઈઝ સો સ્કેરી - યુનિક યુનિક યુનિક
- Log in to post comments
- 28 views
નૃત્ય શું છે.
नृत्य क्या है।
नृत्य एक प्रकार का सशक्त आवेग है। मनुष्य जीवन के दोनों पक्षों-सुख और दुख में नृत्य हृदय को व्यक्त करने का अचूक माध्यम है। लेकिन नृत्य कला एक ऐसा आवेग है, जिसे कुशल कलाकारों के द्वारा ऐसी क्रिया में बदल दिया जाता है, जो गहन रूप से अभिव्यक्तिपूर्ण होती है और दर्शकों को, जो स्वयं नृत्य करने की इच्छा नहीं रखते, आनन्दित करती है। परिभाषा के तौर पर देखें तो अंग-प्रत्यंग एवं मनोभाव के साथ की गयी नियंत्रित यति-गति को नृत्य कहा जाता है। नृत्य में करण, अंगहार, विभाव, भाव, अनुभाव और रसों की अभिव्यक्ति की जाती है। नृत्य के दो प्रकार हैं
- Read more about નૃત્ય શું છે.
- Log in to post comments
- 2231 views