राग शिवरंजनी लहरा
Shivranjani
Anand
Sun, 21/03/2021 - 11:26
यह बहुत ही मधुर राग है। राग भूपाली में गंधार शुद्ध न लेते हुए गंधार कोमल लगाया जाये तो राग शिवरंजनी हो जाता है। यह स्वर संगतियाँ राग शिवरंजनी का रूप दर्शाती हैं -
सा रे ग१ प ; ध प ग१ रे ; ग१ सा रे ,ध सा ; रे ग१ प ध प ध सा' ; ध सा' ध प ग१ रे ; प ध प ग१ रे ; ग१ रे ग१ सा रे ,ध सा ;
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